‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना’ जानिए हिंदी फिल्मों के ऐसे सुपरहिट डायलॉग जिन्होंने इतिहास बना दिया

सिनेमा में डायलॉग्स का बेहद महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि यही है जिसके ज़रिए किसी भी फिल्म की कहानी, किरदारों और भावनाओं को व्यक्त किया जाता है। बात करें हिंदी सिनेमा की तो यहां डायलॉग्स की एक विशेष परंपरा रही है। दर्शकों के मिज़ाज, मौजूदा समय स्थिति, टारगेट ऑडियन्स, बाज़ार की ज़रूरत और ऐसी ही तमाम बातों को ध्यान में रखकर संवाद लिखे जाते हैं। ये किसी भी फिल्म का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और हमारे पास ऐसे तमाम उदाहरण हैं जहां कुछ डायलॉग पूरी फिल्म के हिट होने की वजह बन गए और अरसे तक उनकी चर्चा होती रही।

Bollywood Famous Dialogues : सिनेमा हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। बात करें हिंदी फिल्मों की तो ये भारत की फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा हिस्सा है। और हिंदी फिल्में सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई हिस्सों में देखी जाती है। बॉलीवुड हर साल सैकड़ों फिल्में रिलीज़ करता है और इसे दुनिया में सबसे बड़े फिल्म निर्माताओं में से एक माना जाता है। और उन फिल्मों में से कभी कोई दृश्य, कभी गीत संगीत, कभी कलाकारों का अभिनय, सिनेमोटोग्राफी सहित जानें कितनी ऐसी चीजें हैं तो हमेशा के लिए यादगार बन जाती हैं।

ऐसे ही कुछ फिल्मी डॉयलॉग हैं जो इतने लोकप्रिय हुए कि इतिहास बना दिया। पीढ़ियों तक ये डॉयलॉग कहे सुने जाते रहे। कई बार तो ये भी हुआ कि लोग पूरी फिल्म भूल गए लेकिन वो ख़ास संवाद याद रह गए। ऐसे तमाम डॉयलॉग हैं.. जिनका बार बार जिक्र हुआ, जिन्हें लोगों ने आम जीवन में भी इस्तेमाल किया या फिर जिनपर कई लंबी चर्चाएं भी हुई।

हिंदी फिल्मों के कुछ मशहूर डायलॉग 

हिंदी सिनेमा के कई मशहूर डायलॉग्स ने न सिर्फ फिल्मों को यादगार बनाया, बल्कि वे दर्शकों के दिल दिमागों में भी गहराई से बस गए। ये डायलॉग्स कभी किसी फिल्म के किरदार या स्थिति को बयान करते हैं कभी किसी की भावनाओं की अभिव्यक्त होते हैं। फिल्मों में डायलॉग्स का इस्तेमाल मुख्यतः भावनाओं को गहराई से व्यक्त करने के लिए किया जाता है। जैसे कि फिल्म दीवार में अमिताभ बच्चन का डायलॉग “मेरे पास माँ है” न केवल उनके किरदार की स्थिति बल्कि पारिवारिक रिश्तों की गहरी भावनाओं को भी उजागर करता है। कई बार कोई डायलॉग किसी किरदार की पहचान बन जाते हैं जैसे गब्बर सिंह के “कितने आदमी थे?” और शहंशाह का “रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं”। आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ डायलॉग्स लेकर आए हैं।

  1. बाबू मोशाय, ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं!”
    फिल्म: आनंद
    अभिनेता: राजेश खन्ना
  2. तुम्हारा नाम क्या है, बसंती?”
    फिल्म: शोले
    अभिनेता: अमिताभ बच्चन
  3. बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना!”
    फिल्म: शोले
    अभिनेता: धर्मेंद्र
  4. ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर!”
    फिल्म: शोले
    अभिनेता: अमज़द ख़ान (गब्बर सिंह)
  5. अरे सांभा, कितने आदमी थे?”
    फिल्म: शोले
    अभिनेता: अमज़द ख़ान (गब्बर सिंह)
  6. डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है!”
    फिल्म: डॉन
    अभिनेता: अमिताभ बच्चन
  7. मोगैंबो खुश हुआ!”
    फिल्म: मिस्टर इंडिया
    अभिनेता: अमरीश पुरी
  8. रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह!”
    फिल्म: शहंशाह
    अभिनेता: अमिताभ बच्चन
  9. हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है!”
    फिल्म: कालिया
    अभिनेता: अमिताभ बच्चन
  10. यह पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं!”
    फिल्म: जंजीर
    अभिनेता: अमिताभ बच्चन
  11. आज मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, बैंक बैलेंस हैतुम्हारे पास क्या है?”
    फिल्म: दीवार
    अभिनेता: अमिताभ बच्चन
  12. मेरे पास माँ है!”
    फिल्म: दीवार
    अभिनेता: शशि कपूर
  13. मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता!”
    फिल्म: दीवार
    अभिनेता: अमिताभ बच्चन
  14. कौन कम्बख्त बर्दाश्त करने को पीता है?”
    फिल्म: देवदास
    अभिनेता: शाहरुख खान
  15. हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है!”
    फिल्म: कालिया (1976)
    अभिनेता: शाहरुख खान
  16. तारीख़ पे तारीख़, तारीख़ पे तारीख़
    फिल्म: दामिनी
    अभिनेता: सनी देओल
  17. बड़ेबड़े देशों में ऐसी छोटीछोटी बातें होती रहती हैं सेनोरिटा!”
    फिल्म: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
    अभिनेता: शाहरुख खान
  18. कभी कभी कुछ जीतने के लिए कुछ हारना पड़ता है और हारकर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं!”
    फिल्म: बाज़ीगर
    अभिनेता: शाहरुख खान

 


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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