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Wed, Dec 17, 2025

परेश रावल की पहली फिल्म ही हो गई थी बुरी तरह फ्लॉप!, जानिए फिर कैसे बाबू भैया ने जमाया लोगों के दिलों पर कब्जा

Written by:Ronak Namdev
Published:
बाबू भैया का किरदार परेश रावल की पहचान बन गया, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। गुजराती थिएटर से बॉलीवुड के सुपरस्टार बनने तक, उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। जानिए कैसे मेहनत और लगन ने उन्हें खास बनाया।
परेश रावल की पहली फिल्म ही हो गई थी बुरी तरह फ्लॉप!, जानिए फिर कैसे बाबू भैया ने जमाया लोगों के दिलों पर कब्जा

परेश रावल, जो 30 मई 1955 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, ने 1984 में केतन मेहता की Holi से बॉलीवुड डेब्यू किया। यह फिल्म स्टूडेंट लाइफ और रैगिंग पर आधारित थी, जिसमें आमिर खान का भी पहला रोल था, लेकिन कमर्शियली असफल रही। परेश के छोटे रोल को क्रिटिक्स ने सराहा, पर दर्शकों का प्यार नहीं मिला। उन्होंने हिम्मत रखी और 1985 में Arjun में सपोर्टिंग रोल निभाया।

1986 में Naam ने उन्हें विलेन के तौर पर पहचान दी, जिसके बाद Ram Lakhan (1989), Kabzaa (1988), और King Uncle (1993) जैसी 100+ फिल्मों में ज्यादातर खलनायक बनकर छाए। 1994 में Andaz Apna Apna में उनके डबल रोल (तेजा और राम गोपाल बजाज) ने कॉमेडी में उनकी ताकत दिखाई। असली ब्रेकथ्रू 2000 में Hera Pheri से आया, जहां बाबू भैया (बाबूराव गणपतराव आप्टे) के किरदार ने उन्हें रातोंरात आइकॉनिक बना दिया। “ये बाबू भैया का स्टाइल है” जैसे डायलॉग्स और उनकी कॉमिक टाइमिंग ने फिल्म को कल्ट क्लासिक बनाया, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन अवॉर्ड मिला। Phir Hera Pheri (2006), Welcome (2007), और OMG – Oh My God! (2012) ने उनकी वर्सटिलिटी को और उभारा।

फ्लॉप से स्टारडम की राह

Holi की नाकामी के बाद परेश रावल ने गुजराती थिएटर और छोटे रोल्स से अपनी स्किल्स को निखारा। Naam (1986) में खलनायक का रोल उनकी पहली बड़ी पहचान बना। 90 के दशक में Andaz Apna Apna ने उनकी कॉमेडी की झलक दी, लेकिन Hera Pheri ने सब बदल दिया। बाबू भैया का किरदार धोती, चश्मा, और मराठी टच इतना पॉपुलर हुआ कि इसके डायलॉग्स आज भी मीम्स में ट्रेंड करते हैं। फिल्म ने 24.25 करोड़ की कमाई की और परेश को कॉमेडी का सुपरस्टार बनाया। Aankhen (2002) में अंधे लुटेरे और Tamanna (1997) में हिजड़े का रोल निभाकर उन्होंने अपनी रेंज दिखाई। 1994 में “वो छोकरी” (Woh Chokri) और “सर” (Sir) के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता। उनकी मेहनत ने फ्लॉप से स्टारडम का रास्ता खोला।

बाबू भैया की लिगेसी और जादू

परेश रावल की कॉमेडी और इंटेंस एक्टिंग ने उन्हें बॉलीवुड का अनोखा सितारा बनाया। Hera Pheri के बाबू भैया ने उन्हें जनता का चहेता बनाया, तो Sardar (1993) में वल्लभभाई पटेल का रोल निभाकर ग्लोबल तारीफ बटोरी। Welcome, Garam Masala, और Bhagam Bhag ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया। OMG – Oh My God! में लीड रोल और प्रोड्यूसर के तौर पर भी उन्होंने कमाल किया। 240+ फिल्मों में काम करने वाले परेश ने गुजराती प्ले Dear Father और टीवी (Teen Bahuraaniyaan) में भी जलवा दिखाया। उनकी सादगी जुहू का सी-फेसिंग घर और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट्स उन्हें अलग बनाती है। क्या आपको लगता है कि बाबू भैया जैसा किरदार कोई और निभा सकता है?