‘पाताल लोक’ एक पुलिस अफसर की कहानी है, जो अपने करियर से निराश है। तभी उसे एक हाई-प्रोफाइल मर्डर केस सौंपा जाता है, जो उसके जीवन का सबसे बड़ा मोड़ बन जाता है। जैसे-जैसे वह केस की परतें खोलता है, उसकी दुनिया बदल जाती है। ये सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं है, बल्कि भारतीय समाज, राजनीति और सिस्टम पर एक गहरा सवाल भी उठाती है।
शुरुआती एपिसोड में सीरीज थोड़ी धीमी लग सकती है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, दर्शक खुद को इसमें डूबा हुआ पाते हैं। हर किरदार असल ज़िंदगी जैसा लगता है, चाहे वो इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी हों या खौफनाक हथौड़ा त्यागी। ‘पाताल लोक’ की कहानी सिर्फ मर्डर मिस्ट्री नहीं, बल्कि समाज की अंधेरी गलियों में झांकने वाली एक गंभीर कोशिश है। अगर आप सोचते हैं कि क्राइम थ्रिलर में अब कुछ नया नहीं बचा, तो ये सीरीज आपकी राय बदल सकती है।

IMDb Rating और अवॉर्ड्स
दरअसल क्राइम थ्रिलर की दुनिया में ‘पाताल लोक’ ने एक खास जगह बनाई है। IMDb पर इसकी रेटिंग 8.2 है और अब तक इसे 14 हजार से ज्यादा यूजर्स ने रेट किया है। 2020 में इंडियन टेलीविजन एकेडमी ने इसे ‘लैंडमार्क OTT शो’ का अवॉर्ड दिया था। इसके अलावा, इस शो को बेस्ट ओरिजिनल ड्रामा सीरीज का एशियन टेलीविजन अवॉर्ड भी मिला। जयदीप अहलावत ने इंस्पेक्टर हाथीराम का किरदार निभाकर फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवॉर्ड जीता, वहीं अविनाश अरुण को मिला बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड। ये शो अवॉर्ड्स की लिस्ट में इसलिए भी टॉप पर रहा क्योंकि इसमें कंटेंट और परफॉर्मेंस दोनों ही बेहतरीन हैं।
क्यों यह सीरीज अलग है बाकी से
वहीं ‘पाताल लोक’ को खास बनाने में इसकी कास्टिंग और स्क्रीनप्ले का बड़ा हाथ है। जयदीप अहलावत ने इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी के रोल को जिस गहराई से निभाया, वो आज भी लोगों को याद है। उनका किरदार हर उस इंसान को छूता है, जो सिस्टम से लड़ते हुए खुद को थका हुआ पाता है। वहीं अभिषेक बनर्जी ने हथौड़ा त्यागी के रूप में जो डर पैदा किया, वो क्राइम थ्रिलर की दुनिया में बहुत कम देखने को मिलता है। बिना ज़्यादा डायलॉग बोले, सिर्फ एक्सप्रेशन और स्क्रीन प्रजेंस से उन्होंने खौफ कायम किया। इस सीरीज में इमोशन, थ्रिल, सस्पेंस और सामाजिक कटाक्ष हर चीज़ बैलेंस में दिखती है।