प्यार में अंधविश्वास का शिकार हुई थी ये मशहूर टीवी एक्ट्रेस, बॉयफ्रेंड को पाने के लिए कर डाले ये टोटके!

TV इंडस्ट्री की पॉपुलर एक्ट्रेस दिव्यंका त्रिपाठी अपनी पर्सनल लाइफ़ को लेकर अक्सर सुर्खियां बटोरती रहती है। एक ऐसा समय था जब प्यार में धोखा न मिले, इसके लिए उन्होंने अंधविश्वास का सहारा लिया। जानते हैं कि कैसे इस एक्ट्रेस ने 8 साल पुराने रिश्ते को बचाने के लिए उनकी किए और बाद में ख़ुद ही अपने फ़ैसले पर पछताई।

TV की मशहूर एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी (Divyanka Tripathi) को भला कौन नहीं जानता। अपनी एक्टिंग और सिंपल नेचर के चलते वह लाखों लोगों के दिलों पर राज करती हैं। आज अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में काफ़ी ख़ुश हैं और अक्सर विवेक दाहिया के साथ तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती है। लेकिन एक वक़्त ऐसा भी था जब दिव्यंका त्रिपाठी अपने पुराने प्यार को पाने के लिए अंधविश्वास के चक्कर में पड़ गई थी।

TV की चहेती बहू और घर घर इशिमा और इशिता के नाम से मशहूर होने वाली दिव्यंका त्रिपाठी का नाम कभी उनके को स्टार शरद मल्होत्रा के साथ जोड़ा जाता था। आपको बता दें, दोनों क़रीब 8 साल तक रिश्ते में रहे। दिव्यांका अपने रिश्ते को लेकर हद से ज़्यादा सीरियस थी, उन्होंने अपने रिश्ते को बचाने के लिए अंधविश्वास का रास्ता चुन लिया। रिपोर्ट्स की मानें तो दिव्यांका ने अपने रिलेशनशिप को बचाने के लिए कई तरह के टोटके और पूजापाठ तक कराए।

शरद मल्होत्रा के साथ रिश्ता बचाना चाहती थी दिव्यांका त्रिपाठी

प्यार में लोग क्या-क्या कर बैठते हैं, इसका उदाहरण दिव्यंका त्रिपाठी का यह क़िस्सा है। बताया जाता है कि उनके रिश्ते में लगातार तनाव और दूरी बढ़ने लगी थी, दिव्यांका त्रिपाठी को इस बात का डर था कि कहीं उनका रिश्ता टूट न जाए, आख़िर जिस बात का डर था वही हुआ। इसके चलते उन्होंने अपने रिश्ते को बचाने के लिए कई पंडितों, ज्योतिषियों से सलाह ली। उन्होंने शरद मल्होत्रा के साथ रिश्तों को मज़बूत करने के लिए ख़ास तरह की पूजा कराई, कई तरह के टोटके किए और ज्योतिष उपाय भी अपनाए।

8 साल का रिश्ता टुटा

लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि इतने अंधविश्वासों कोशिशों के बावजूद भी दिव्यांका त्रिपाठी अपना रिश्ता बचाने में नाकामयाब रही। आखिरकार दोनों का ब्रेकअप हो गया, यह समय दिव्यंका त्रिपाठी की मुसीबत वाला समय था, उनकी हालत बहुत ख़राब हो गई थी, वे पूरी तरह डिप्रेशन में जा चुकी थी। लेकिन जब जैसे जैसे उन्होंने अपने आपको हील किया, और बाद में पछतावा भी महसूस किया।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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