बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक सुपरस्टार्स का योगदान रहा है। कुछ कलाकार ऐसे रहे जो आए और गुमनाम हो गए, तो कुछ कलाकार ऐसे भी रहे जिनका करियर आज भी पिक पर है। यहां कब किसकी किस्मत पलट जाए यह कोई नहीं जानता। फैंस को कब किस कलाकार का किरदार भा जाए यह कहना मुश्किल है। ऐसे में आज हम आपको भारत के पहले करोड़पति एक्शन डांसिंग सुपरस्टार से रूबरू करवाएंगे, जिनकी किस्मत तो पलटी, लेकिन आखिरी वक्त उन्होंने गुमनामी में काटे थे। वक्त की करनी इस सितारे को आसमान से जमीन पर लपटका था।
दरअसल, यह भारतीय सिनेमा के पहले एक्शन और डांसिंग स्टार थे, जिनका नाम भगवान दादा था। असल में उन्होंने अपने शुरुआती जीवन में काफी मुश्किलों का सामना किया था।
चौथी में छोड़ी पढ़ाई
साल 1913 में जन्मे भगवान आभाजी पालव का जन्म मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था, जिनके पिता कपड़ा मिल में काम किया करते थे। ऐसे में उनका परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा था, जिस कारण उन्हें चौथी क्लास के बाद पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी थी। बचपन से ही उन्हें एक्टिंग का बहुत ज्यादा शौक था। वह अपने खाली समय में नाचना शुरू कर दिया करते थे। ऐसे में किसी भी तरह वह मुंबई पहुंचे, जहां उन्हें फिल्म क्रिमिनल में एक छोटा सा किरदार निभाने का मौका मिला। यहां से उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर दी।
दिन-रात किया मेहनत
इस फिल्म में रोल प्ले करने के बाद एक्टिंग के प्रति उनकी दीवानगी और ज्यादा बढ़ गई। वह दिन-रात मेहनत करने लगे। साल 1934 में उनकी पहली बोलती हुई फिल्म हिम्मत-ए-मर्दा आई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कम बजट की कई एक्शन फिल्मों का उन्होंने निर्देशन भी किया। मीडिया सूत्रों के माने तो भगवान दादा ने 400 से भी अधिक फिल्मों में बतौर अभिनेता एक्टिंग की है।
करते थे स्टंट
बॉलीवुड इंडस्ट्री के अभिनेता राज कपूर उन्हें इंडियन डगलस कहा करते थे, क्योंकि वह फिल्मों में एक्शन स्टंट करने में माहिर थे। वह अपनी हर फिल्म में कुछ न कुछ स्टंट करते ही थे, जो फैंस को बहुत ही ज्यादा पसंद आता था। वहीं, उनके डांस मूव्स भी लोगों को पसंद आते थे। बता दें कि अमिताभ बच्चन से लेकर गोविंदा जैसे स्टार्स भी उनके डांस के स्टेप को कॉपी करते थे।
खरीदी 7 कारें
एक वक्त था जब उनकी एक फिल्म सिनेमा घरों में 45 हफ्तों से ज्यादा चली थी, जिसका नाम अलबेला था। यह साल 1951 में रिलीज की गई थी। इस फिल्म के गाने सुपर डुपर हिट रहे, जो आज भी लोग बड़े ही चाव से सुनते हैं। उन्होंने शूटिंग सेट पर सीन को रियल दिखाने के लिए असली नोटों की भी बारिश करवाई थी। इस फिल्म की सफलता ने उन्हें करोड़पति बना दिया। उन्होंने जुहू में बंगला खरीदा जो कि 25 कमरों वाला था। इसके अलावा उन्हें कार का बहुत अधिक शौक था, इसलिए उन्होंने सात अलग-अलग मॉडल की कार खरीदी। हर दिन वह सेट पर अलग कार से जाया करते थे।
बेची संपत्ति
हर किसी के जीवन में उतार और चढ़ाव आता है। कभी किसी के अच्छे दिन चल रहे होते हैं, तो कभी किसी के बुरे दिन भी आ जाते हैं। ऐसा ही कुछ भगवान दादा के साथ भी हुआ, जब उन्होंने किशोर कुमार के साथ ड्रीम प्रोजेक्ट हंसते रहना शुरू किया। उसी वक्त उनकी जिंदगी ने करवट ली। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म के लिए उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था, लेकिन कुछ कारणों से फिल्म अधूरी रह गई। इस कारण वह इतने ज्यादा कर्ज में डूब गए कि उन्हें अपनी पूरी संपत्ति बेचनी पड़ी। अंत में उन्होंने दादर की एक चाल में रहने का फैसला लिया और यहीं पर उन्होंने अपनी आखिरी सांसें लीं।





