कौन सा था टेलीविजन का पहला विज्ञापन, कहां हुआ प्रसारित, इसने बदल दी मनोरंजन की दुनिया

एंटरटेनमेंट के लिए हमारे दादा, नाना और पहले की पीढ़ियों के पास दूरदर्शन एकमात्र साधन हुआ करता था। इस पर कई तरह के धारावाहिक और फिल्में प्रसारित की जाती थी। टेलीविजन का पहला विज्ञापन भी इसी पर प्रसारित हुआ था।

Diksha Bhanupriy
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दर्शकों के मनोरंजन के लिए बड़ा पर्दा जितना मशहूर है उतना ही मनोरंजन जादुई बक्से यानी टेलीविजन पर भी देखने को मिलता है। बॉलीवुड जहां एक से बढ़कर एक फिल्मों का निर्माण करता है। वहीं टेलीविजन पर दर्शकों के लिए कई सारे टीवी शो चाहे वह धार्मिक हो, पारिवारिक या फिर कॉमेडी शो बनाए जाते रहते हैं। इन सभी टीवी सीरियल्स के बीच हमें कुछ एडवर्टाइजमेंट भी देखने को मिलते हैं। कभी कभी हमें ये बोरियत लगता है लेकिन कुछ एड ऐसे भी होते हैं जो हमें मुंह जुबानी याद हो जाते हैं।

टीवी पर आप कई सारे विज्ञापन देखे होंगे लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि पहला विज्ञापन कब और कहां प्रसारित किया गया होगा। हम जिस टेलीविजन पर आजकल तरह-तरह के टीवी शो, वेब शो और फिल्में देख लेते हैं। वह किसी समय दूरदर्शन पर आने वाली चीजों की वजह से मशहूर था। गाने सुनना है तो दूरदर्शन, समाचार देखना है तो दूरदर्शन, किसी भी तरह का धारावाहिक या पिक्चर देखना है तो भी दूरदर्शन ही लोगों के मनोरंजन का सहारा था। इससे जुड़ी हुई लोगों की यादें आज भी ताजा है। आज आपको दूरदर्शन और विज्ञापन का नाता बताते हैं और भारत के पहले टेलीविजन विज्ञापन के बारे में जानते हैं।

कब आया था पहला विज्ञापन (First television Advertisement)

टेलीविजन पर पहला विज्ञापन 1976 की जनवरी में प्रस्तावित किया गया था। यह पूरी तरह से दूरदर्शन का दौर था जब बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए टीवी पर अलग-अलग तरह के धारावाहिक आया करते थे। यह पहली बार था जब टीवी पर विज्ञापन का आगाज हुआ था। इस तरह से धारावाहिकों के बीच आने वाले विज्ञापनों की शुरुआत हुई जो अब कमाई का साधन बन चुकी है। ग्वालियर सूटिंग की शुरुआत 1947 में घनश्याम दास बिड़ला ने की थी। महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की मदद से स्वतंत्र भारत की पहली कपड़ा मिल को शुरू किया गया था।

कौन सा था विज्ञापन

टेलीविजन पर प्रसारित हुआ पहला विज्ञापन ग्वालियर सूटिंग का बताया जाता है। इसके बारे में कहा जाता है कि इस विज्ञापन ने भारतीय टेलीविजन की दुनिया बदल दी थी। आगे बढ़ते हुए दौर के साथ 1982 में जब टीवी रंगीन हुआ तब विज्ञापनों का चलन और भी ज्यादा बढ़ गया। ऐसा बताया जाता है की पहला रंगीन विज्ञापन बॉम्बे डाइंग का बनाया गया था।

कैसा रहा दूरदर्शन का सफर

टेलीविजन के पहले विज्ञापन के बारे में तो हमने आपको बता दिया। लेकिन यह जिस जगह यानी दूरदर्शन पर प्रसारित किया उसकी बात करें तो मनोरंजन क्या होता है यह लोगों को दूरदर्शन ने ही सिखाया। 15 सितंबर 1959 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसकी स्थापना की। 1982 में यह देश का नेशनल ब्रॉडकास्ट बना और इसी साल कलर टेलीविजन की शुरुआत हुई। इसके बाद जो ब्लैक एंड व्हाइट दूरदर्शन था वह पूरी तरह से रंगीन हो गया। बताया जाता है कि 1982 में दिल्ली में एशियन गेम्स के दौरान इसका प्रसारण रंगीन कर दिया गया था।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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