Fri, Dec 26, 2025

बड़े पर्दे पर फिर फिल्माया जाएगा भारत का इतिहास, Article 370 पर बनाई जा रही फिल्म

Written by:Diksha Bhanupriy
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बड़े पर्दे पर फिर फिल्माया जाएगा भारत का इतिहास, Article 370 पर बनाई जा रही फिल्म

Article 370: बॉलीवुड इंडस्ट्री में हमेशा ही ऐसे विषयों पर फिल्म बनाई जाती है जिनमें दर्शकों का रुझान होता है। पहले जहां ऐसी फिल्में बनाई जाती थी जिनमें लव, रोमांस, फैमिली ड्रामा दिखाया जाता था लेकिन अब  इन सबसे हटकर असली कहानियों को पर्दे पर पेश किया जाने लगा है। विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ हो या फिर ‘द केरला स्टोरी’ ये ऐसी है जिन्हें रियल स्टोरी पर तैयार किया गया है। दर्शकों ने इन फिल्मों पर खूब प्यार भी बरसाया है। अब जो खबरें सामने आ रही है उसके मुताबिक अनुच्छेद 370 पर एक कहानी बनाई जाने वाली है। यह कहानी कोई और नहीं बल्कि फिल्म बाहुबली के लेखक के. वी. विजेंद्र प्रसाद बनाने वाले हैं।

हिस्टोरिकल ड्रामा होगी फिल्म

बता दें कि अनुच्छेद 370 पर बनाई जाने वाली फिल्म एक हिस्टोरिकल ड्रामा होने वाली है। इसमें यह बताया जाएगा कि किस तरह से 1952 से 2019 तक भारतीय संविधान में जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया। इसके बाद 2019 में इस विशेष दर्जे को भारत सरकार ने वापस ले लिया। प्रसाद में बाहुबली फ्रेंचाइजी के अलावा आरआरआर भी लिखी है जो बहुत सफल साबित हुई थी।

महिला दृष्टिकोण पर कहानी

यह बताया जा रहा है कि इस फिल्म को महिला पात्रों पर केंद्रित कर बनाया जा रहा है। एक महिला दृष्टिकोण से कहानी को पेश किया जाएगा जो विभाजन के समय से शुरू की जाएगी। फिल्म में बताया जाएगा कि किस तरह से 370 को लागू किया गया फिर इसके क्या प्रभाव देखने को मिले और किन वजहों से इसे निरस्त कर दिया गया। इस फिल्म को जिस महिला पर बनाया जा रहा है उसे यह पूरी तरह से विश्वास है कि जब तक श्रीनगर के लाल चौक पर भारतीय झंडा नहीं फहराएगा तब तक वह नहीं मरेगी। फिलहाल ये सामने नहीं आया है कि इस पीरियड ड्रामा को कौन बनाने वाला है।

क्या बोले लेखक

अनुच्छेद 370 पर बनाई जा रही है इस फिल्म को लेकर लेखक ने जानकारी तो दे दी है। लेकिन फिलहाल यह सामने नहीं आया है इसका निर्माता कौन होने वाला है। फिल्म के बारे में बताते हुए विजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मैं यह नहीं बता सकता कि किसी निर्माता ने मुझे स्क्रिप्ट के लिए संपर्क किया है। मैं इतना बता सकता हूं कि यह कहानी गहन शोध और प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर तैयार की जाएगी। हम काल्पनिक तथ्य नहीं डालेंगे बल्कि इन्हें सटीक रखने की कोशिश करेंगे। हम उन घटनाओं को पेश करेंगे जो वाकई में हुई थी।