बॉलीवुड में सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी ने 70 के दशक में तहलका मचाया था। Zanjeer, Sholay, और Deewaar जैसी फिल्मों ने अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ बनाया और राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार्स को टक्कर दी। उस दौर में सलीम-जावेद की स्क्रिप्ट्स को कोई मना नहीं करता था, लेकिन नए-नवेले ऋषि कपूर ने उनकी फिल्म Trishul ठुकरा दी।
इस बात से सलीम खान इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने ऋषि को करियर खत्म करने की धमकी दे दी। ये किस्सा आज भी बॉलीवुड की गलियों में चर्चा में है। ऋषि कपूर ने अपनी किताब Khullam Khulla में इस वाकये का ज़िक्र किया, जो 70 के दशक का है। सलीम-जावेद उस वक्त इंडस्ट्री के सबसे बड़े राइटर्स थे, और उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ती थीं। लेकिन ऋषि के मना करने से शुरू हुआ ये झगड़ा उस वक्त सुर्खियाँ बना, जब सलीम ने राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन का ज़िक्र करके ऋषि को डराने की कोशिश की। आइए, इस किस्से को डिटेल में जानते हैं और सलीम-जावेद के उस दौर की ताकत को समझते हैं।

सलीम खान की धमकी का किस्सा
ये बात 1970 के दशक की है, जब ऋषि कपूर Bobby (1973) की सक्सेस के बाद स्टार बन चुके थे। सलीम-जावेद ने उन्हें Trishul (1978) के लिए अप्रोच किया, लेकिन ऋषि को रोल पसंद नहीं आया, और उन्होंने मना कर दिया। उस वक्त सलीम-जावेद की जोड़ी ऐसी थी कि उनकी फिल्म को मना करना किसी का हौसला ही हो सकता था। ऋषि का रिजेक्शन सलीम खान को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हुआ। एक दिन मुंबई के एक होटल में स्नूकर खेलते वक्त सलीम ने ऋषि से कहा, “तूने सलीम-जावेद को मना करने की हिम्मत कैसे की? आज तक किसी ने हमें ना नहीं बोला। हम तेरा करियर बर्बाद कर देंगे।”
सलीम यहीं नहीं रुके। उन्होंने राजेश खन्ना का ज़िक्र करते हुए कहा, “हमने Zanjeer राजेश खन्ना को ऑफर की थी, उन्होंने मना किया। हमने कुछ नहीं किया, लेकिन अमिताभ बच्चन को लॉन्च किया, जिसने राजेश खन्ना का करियर पीछे छोड़ दिया। तुझको भी ऐसा ही करेंगे।” ऋषि ने इस धमकी को हल्के में लिया और जवाब दिया कि वो रोल उनके लिए ठीक नहीं था। ये झगड़ा यहीं खत्म हो गया, लेकिन ये किस्सा बॉलीवुड में मशहूर हो गया। बाद में Trishul में अमिताभ बच्चन लीड रोल में आए, और फिल्म सुपरहिट रही।
सलीम-जावेद का बॉलीवुड में दबदबा
सलीम-जावेद उस दौर में बॉलीवुड के सबसे बड़े राइटर्स थे। 1971 से 1987 तक उन्होंने 24 फिल्में लिखीं, जिनमें 20 सुपरहिट थीं। Zanjeer (1973), Deewaar (1975), Sholay (1975), और Don (1978) जैसी फिल्मों ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाया। राजेश खन्ना, जो 70 के दशक की शुरुआत में रोमांटिक हीरो के तौर पर छाए थे, उनकी इमेज ‘एंग्री यंग मैन’ के सामने फीकी पड़ गई। सलीम-जावेद की स्क्रिप्ट्स में मिडिल-क्लास का गुस्सा और समाज से लड़ने की भावना थी, जो अमिताभ के किरदारों में दिखती थी।
ऋषि कपूर ने सलीम की धमकी को हल्के में लिया, और उनकी Amar Akbar Anthony (1977) ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया। दूसरी तरफ, सलीम-जावेद की Imaan Dharam (1977) फ्लॉप हो गई, जिसके बाद लोग कहने लगे कि सलीम-जावेद की फिल्म भी फ्लॉप हो सकती है। सलीम-जावेद की ताकत सिर्फ स्क्रिप्ट्स तक नहीं थी; वो उस वक्त के सबसे महँगे राइटर्स थे, जो अमिताभ बच्चन से भी ज़्यादा पैसे लेते थे। बाद में सलीम और ऋषि के बीच रिश्ता बेहतर हो गया, लेकिन जावेद अख्तर से ऋषि की कुछ अनबन रही। अगर आप पुराने बॉलीवुड के किस्से पसंद करते हैं, तो ये कहानी आपको मज़ेदार लग सकती है।