MP Breaking News
Thu, Dec 18, 2025

Lata Mangeshkar: 36 से अधिक भाषाओं में गाना गा चुकी हैं लता मंगेशकर, जाने ऐसे ही दिल छू जाने वाले तथ्य

Published:
Last Updated:
Lata Mangeshkar: 36 से अधिक भाषाओं में गाना गा चुकी हैं लता मंगेशकर, जाने ऐसे ही दिल छू जाने वाले तथ्य

Lata Mangeshkar

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। बाॅलिवुड की दिग्गज गायिका स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भले ही आज हम सब के बीच में न हो लेकिन इनके स्वर आज भी उसी पायदान पर हैं, और हमेशा बने रहेंगे। मशहूर गायिका लता मंगेशकर की कमी से आज पूरे बाॅलीवुड में सन्नाटा पसरा हुआ है। बड़े-बड़े दिग्गज शौक व्यक्त कर रहे हैं। लता मंगेशकर जी की अगर बात करें तो महज 13 साल की उम्र में इन्होंने अपना हुनर दिखाना शुरू कर दिया था। इन्होंने हिन्दी समेत लगभग 36 से अधिक भारतीय और विदेशी भाषाओं में गाने रिकाॅर्ड किए हैं। चलिए आज कुछ ऐसे ही दिल छू जाने वाले तथ्य से रूबरू होते होंते हैं।

यह भी पढ़ें- Jabalpur में काले कागज को नोट बनाने वाले दो गिरफ्तार

अपने गायन की शुरूआत की थी मराठी फिल्म से
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जी के करियर की बात करें तो उन्होंने अपने गाने की शुरूआत एक मराठी फिल्म किटी हसाल के एक गाने ‘‘नाचू या गाड़े, खेलू सारी, मणि हौस भारी से की थी। हिन्दी फिल्मी गाने की संख्या की अगर बात करें तो लता ने 1 हजार से अधिक हिन्दी फिल्मों में गाने गाए हैं।

यह भी पढ़ें- Morena: न्यायालय के सामने दबंगों ने वकील के साथ की मारपीट, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

अलग-अलग भाषा में गाए हैं गाने
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने अपने जीवन काल में कोई एक भाषा में नहीं बल्कि एक से अधिक भाषा में गाने गाए हैं। उन्होंने मुख्य रूप से हिन्दी, मराठी, बंगाली और असमिया में भी गाना गाया है।

यह भी पढ़ें- Mandi bhav: 5 फरवरी 2022 के Today’s Mandi Bhav के लिए पढ़े सबसे विश्वसनीय खबर

मुख्य पुरस्कार से किया जा चुका सम्मानित
स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को साल 1989 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं उन्हें साल 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी पुरस्कारित किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें- Morena: रिश्वत न देने पर पटवारी ने की नामांतरण में धांधली

1962 में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को खाने में दिया गया था जहर
भारतीय सिनेमा और लंदर के फिल्मकार पर कई किताबें लिखने वाले मशहूर लेखक नसरीन मुन्नी कबीर को दिए इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने बताया था कि साल 1962 में उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। इस वजह से इन्हें लगभग 3 महीने तक बिस्तर पर ही अपना समय गुजारना पड़ रहा था। उन्होंने बताया था कि उस दौरान वह लगभग 3 महीने तक बहुत बीमार रही। घर पर डाॅक्टर आए और एक्स-रे मशीन भी घर ले आए क्योंकि मैं बिस्तर कहीं और जानें में असमर्थ थी।