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Sun, Dec 21, 2025

यौम-ए-पैदाइश मीना कुमारी : इस चमकते चेहरे के पीछे है दर्द की लंबी दास्तान

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
यौम-ए-पैदाइश मीना कुमारी : इस चमकते चेहरे के पीछे है दर्द की लंबी दास्तान

मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। आज ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी (Meena Kumari) का जन्मदिन है। एक ऐसी अदाकारा जिनका नाम ही किसी समय फिल्म के हिट होने का कारण था। चाहे वो धर्मेंद्र हो या राजकुमार, हर एक्टर उनके साथ काम करना चाहता था। उन्हें फिल्मों ने बेशुमार लोकप्रियता दिलाई, फैन्स से बेहिसाब प्यार मिला..लेकिन निजी जिंदगी में वो मोहब्बत के लिए हमेशा तरसती ही रहीं।

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उनकी पैदाइश 1933 में अली बक्श और इकबाल बेगम के घर हुई। माता पिता बेटा चाहते थे लेकिन आ गई बेटी। उसपर गरीबी का आलम ये कि जन्म के साथ ही अली बक्श बेटी को अनाथालय छोड़ना चाहते थे। मगर उनकी किस्मत किसी और कलम से लिखी गई थी। माहजबीन नाम की ये लड़की आगे चलकर मीना कुमारी बनी। 13 साल की उम्र में ही उन्हें फिल्मों में बाल कलाकार का रोल मिल गया। हालांकि 1952 में बैजू बावरा उनके जीवन में मील का पत्थर साबित हुई। इसी साल उन्होने फिल्ममेकर कमाल अमरोही से शादी भी कर ली। लेकिन ये शादी भी एक कांटों का ताज ही साबित हुई।

मीना कुमारी ने जिंदगी में जिससे भी मोहब्बत की, बदले में उन्हें दर्द ही मिला। वहीं शादी के बाद भी उना जीवन तकलीफों से भरा रहा। कमाल अमरोही पर हमेशा इल्ज़ाम लगते रहे कि उन्होने मीना कुमारी की जिंदगी को जहन्नुम बना दिया था। वे बेहद शक्की किस्म के थे और मीना कुमारी के मेकअप रूम में कोई भी पुरुष नहीं जा सकता था। उन्हें बाहर अकेले जाने की इजाजत भी नहीं थी। उनकी कामयाबी से भी पति को ईर्ष्या थी। आखिर 1964 में दोनों की राहें जुदा हो गई लेकिन इसके बाद मीना कुमारी बुरी तरह नशे में डूब गईं।  31 मार्च 1972 को उन्होनने इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया।