बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का इतिहास जितना मजेदार है, उतना ही अधिक रोचक भी है। इस इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक सुपरस्टार्स मिले हैं, जिन्होंने अपने टैलेंट के दम पर लोगों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने नेगेटिव किरदार निभा कर भी दर्शकों का प्यार लुटा है। शुरुआत से ही उनका सफर काफी शानदार रहा। केवल इतना ही नहीं, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सबसे हैंडसम अभिनेता रहे हैं।
दरअसल, उस हीरो का नाम विनोद खन्ना है। जिनके पिता एक बिजनेसमैन थे, जो पांच भाई बहनों में से एक थे। आजादी के समय हुए बंटवारे के दौरान उनके परिवार पाकिस्तान से मुंबई आकर बस गया।

ऐसे बिता बचपन
सेंट मैरी स्कूल मुंबई में सेकंड क्लास तक पढ़ाई की। फिर उनका परिवार दिल्ली में सिफ्ट हो गया, जहां उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। साल 1960 में उनका परिवार वापस मुंबई आ गया, लेकिन अभिनेता को बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। यहां उन्होंने मुगल-ए-आजम फिल्म देखी, जिससे उनको मोसन पिक्चर्स के साथ लगाव हो गया। बचपन में एक्टर बहुत ही ज्यादा शर्मिले थे। स्कूल के दौरान एक टीचर ने जबरदस्ती नाटक में उतार दिया। जिसके बाद अभिनय की कला एक्टर को भा गई।
इस तरह रखा इंडस्ट्री में कदम
हालांकि, उनके पिता यह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मों में जाए, लेकिन बच्चे की जीत के आगे उनके पिता झुक गए और उन्हें 2 साल का वक्त दिया। इन 2 सालों में उन्होंने अपनी खास जगह बनाई। इंडस्ट्री में सुनील दत्त ने “मन का मीत” फिल्म में विनोद खन्ना को विलेन के रूप में लॉन्च किया, जहां उनका सिक्का ऐसा चला कि पूरे देश में तहलका मच गया। उनकी खूबसूरती और अदाकारी से कई पीढियों की लड़कियां दीवानी बन गई।
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पर्सनल करियर
पर्सनल करियर की बात करें, तो एक्टर ने अपने करियर के पिक पर गीतांजलि से शादी की थी। दोनों के दो बच्चे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना हुए, लेकिन साल 1990 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने कविता से दूसरी शादी कर ली। जिनसे उनकी एक बेटी और एक बेटा हुआ। साल 2017 में ब्लड कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई। 6 साल तक इस बीमारी का इलाज करने के बावजूद बचाया नहीं जा सका। इस हादसे से बॉलीवुड को बड़ा झटका लगा था।
अर्वाड
- फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार