नहीं रहे ‘सन ऑफ सरदार’ फेम एक्टर मुकुल देव, 54 साल की उम्र में हुआ निधन

बॉलीवुड और टीवी के जाने-माने अभिनेता मुकुल देव अब इस दुनिया में नहीं रहे। 54 साल की उम्र में शुक्रवार की रात को उनका निधन हो गया। उन्होंने 'सन ऑफ सरदार', 'यमला पगला दीवाना', 'आर...राजकुमार' जैसी फिल्मों में शानदार एक्टिंग से अपनी पहचान बनाई थी।

फिल्म और टीवी इंडस्ट्री से एक दुखद खबर सामने आई है। दरअसल ‘सन ऑफ सरदार’ फेम एक्टर मुकुल देव का शुक्रवार की रात निधन हो गया। 54 साल की उम्र में उनका इस दुनिया को छोड़ देना हर किसी को हैरान कर रहा है। बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में भर्ती भी हुए थे। हालांकि, अभी तक उनकी मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है। उनकी अचानक मौत की खबर से उनके चाहने वाले और करीबी साथी शोक में डूबे हैं।

दरअसल मुकुल देव ने साल 1996 में छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत की थी। उनका पहला टीवी शो ‘मुखदम’ था, जिसके बाद उन्होंने ‘कहानी घर घर की’, ‘प्यार जिंदगी है’ और ‘कहीं दिया जले कहीं जिया’ जैसे पॉपुलर शोज़ में काम किया।

इस फिल्म से बनाई थी पहचान

टीवी शो में पहचान बनाने के बाद इसके बाद मुकुल देव ने फिल्मों की ओर रुख किया। उनकी पहली फिल्म ‘दस्तक’ थी, जिसमें वे एसीपी रोहित मल्होत्रा के रोल में नजर आए थे। 90 के दशक में ‘कोहराम’, ‘किला’, ‘वजूद’, ‘मुझे मेरी बीवी से बचाओ’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अहम भूमिकाएं निभाईं। 2012 की फिल्म ‘सन ऑफ सरदार’ में उनके रोल को काफी सराहा गया था। इसके अलावा वे ‘आर… राजकुमार’, ‘जय हो’ जैसी फिल्मों में निगेटिव रोल में दिखे। मुकुल देव उन कलाकारों में थे, जो हर किरदार को ईमानदारी से निभाते थे चाहे वो पॉजिटिव हो या विलेन का रोल। यहीं वजह है कि उन्हें उनके काम के लिए खूब पसंद किया गया।

मनोज बाजपेयी हुए भावुक

वहीं मुकुल देव के निधन की खबर के बाद फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई लोग सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट कर रहे हैं। अभिनेता मनोज बाजपेयी ने अपने दोस्त को याद करते हुए लिखा, “मुकुल सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, वे मेरे भाई जैसे थे। उनकी गर्मजोशी, उनका जुनून कमाल का था। बहुत जल्दी चले गए।”

मुकुल देव के साथ काम कर चुके कई कलाकारों ने भी उन्हें सोशल मीडिया के ज़रिए श्रद्धांजलि दी है। इंडस्ट्री से जुड़े लोग उन्हें एक बेहतरीन और विनम्र कलाकार के रूप में याद कर रहे हैं। उनका जाना इंडस्ट्री को एक गहरा नुकसान है, खासकर उस दौर में जब फिल्मों में अनुभव और भावनाओं की सच्चाई की अहमियत बढ़ रही है।


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Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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