इरट्टा एक मलयालम क्राइम-थ्रिलर है, जो 2023 में थिएटर्स और फिर नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई। फिल्म में जोजू जॉर्ज ने ट्विन भाइयों ASI विनोद और DYSP प्रमोद का डुअल रोल निभाया है, जिनका रिश्ता बचपन के ट्रॉमा और झगड़ों से टूटा हुआ है। वागामन पुलिस स्टेशन में विनोद की हत्या के बाद प्रमोद की जाँच शुरू होती है, जो सस्पेंस, इमोशन, और डार्क सीक्रेट्स से भरी है।
IMDb रेटिंग 7.7 और शॉकिंग क्लाइमेक्स इसे एक बार देखने लायक बनाते हैं। नॉन-लिनियर स्क्रीनप्ले और जेक्स बिजॉय का BGM मूड को और गहरा करते हैं।मलयालम सिनेमा क्राइम और मिस्ट्री में माहिर है, और इरट्टा इसका ताज़ा उदाहरण है। मेमोरीज़ और दृश्यम जैसी फिल्मों की तरह, ये भी दिमाग को झकझोर देती है। 2025 में नेटफ्लिक्स पर साउथ कंटेंट का क्रेज़ बढ़ रहा है, और इरट्टा जैसी फिल्में इसकी वजह हैं। जोजू जॉर्ज का डुअल परफॉर्मेंस, सस्पेंस, और सोशल मैसेज इसे बिंज-वॉचर्स के लिए परफेक्ट बनाते हैं। अगर आप इसके प्लॉट, खासियतें, और इम्पैक्ट जानना चाहते हैं, तो ये डिटेल्स आपके लिए हैं। आइए, इसे करीब से देखें।
इरट्टा की कहानी
इरट्टा की कहानी वागामन पुलिस स्टेशन में ASI विनोद को गोली मारने से शुरू होती है। उसका ट्विन भाई DYSP प्रमोद जाँच में उतरता है, और तीन संदिग्ध सामने आते हैं: ASI जॉन, CPO बिनीश, और SCPO संदीप। इन तीनों का विनोद से पुराना झगड़ा था, क्योंकि विनोद शराबी और अब्यूसिव था। नॉन-लिनियर स्क्रीनप्ले के ज़रिए विनोद का डार्क पास्ट औरतों के प्रति गलत व्यवहार, 17 साल की लड़की और भाइयों का बचपन (अब्यूसिव पिता) सामने आता है। जोजू जॉर्ज का डुअल रोल गजब है: विनोद का गुस्सा और प्रमोद की शांति साफ दिखती है।
फिल्म का स्क्रीनप्ले टाइट है, जो सस्पेंस को आखिरी मिनट तक बनाए रखता है। जेक्स बिजॉय का BGM, खासकर ‘थाराट्टयी’ गाना, हॉन्टिंग वाइब देता है। विजय की सिनेमैटोग्राफी और मनु एंटनी की एडिटिंग वागामन की खूबसूरती और टेंशन को बैलेंस करती हैं। रोहित एम.जी. कृष्णन का डायरेक्शन, उनके डेब्यू के लिए, कमाल का है। अंजलि, आर्या सलीम, और श्रीकांत मुरली की सपोर्टिंग कास्ट कहानी को और मज़बूत करती है। इरट्टा क्राइम और मिस्ट्री के साथ इमोशनल डेप्थ का मिक्स है, जो इसे बाकी थ्रिलर्स से अलग करता है।
कहानी फिल्म खत्म होने के बाद भी दिमाग में घूमती रहेगी
इरट्टा का क्लाइमेक्स इसका सबसे बड़ा हथियार है। आखिरी मिनटों में ऐसा ट्विस्ट आता है, जो दिमाग को हिला देता है। ये ट्विस्ट न सिर्फ़ सस्पेंस को सॉल्व करता है, बल्कि महिलाओं के प्रति हिंसा और मोरल कम्पस जैसे सोशल मैसेज भी देता है। क्लाइमेक्स इतना इमोशनल और डिस्टर्बिंग है कि फिल्म खत्म होने के बाद भी दिमाग में घूमता रहता है। जोजू जॉर्ज का डुअल रोल इस इम्पैक्ट को और बढ़ाता है, क्योंकि दोनों कैरेक्टर्स के लिए आप फील करते हैं।
फिल्म सिबलिंग राइवलरी और बचपन के ट्रॉमा को भी गहराई से दिखाती है। विनोद और प्रमोद का रिश्ता, उनके पिता का अब्यूस, और उनकी ज़िंदगी के फैसले कहानी को पर्सनल टच देते हैं। इरट्टा न तो आपको किसी कैरेक्टर से प्यार करने को मजबूर करती है, न नफरत करने को। ये न्यूट्रल रहकर आपको खुद सोचने देती है। नेटफ्लिक्स पर मलयालम सिनेमा का ये जेम क्राइम-मिस्ट्री फैंस के लिए मस्ट-वॉच है। अगर आप ऐसी फिल्म चाहते हैं, जो सस्पेंस, इमोशन, और मैसेज का गजब कांबिनेशन दे, तो इरट्टा आपके लिए है।





