Panchayat 2 : एक्टिंग छोड़ सरकारी नौकरी ढूंढो, विकास उर्फ Chandan Roy की मम्मी ने दी नसीहत

मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। ओटीटी (OTT) पर इन दिनों पंचायत सिरीज़ (Panchayat) की धूम है। इसमें अदाकारों की सादगी भरी अदायगी और गांव का साधारण सा माहौल कई बड़ी बड़ी वेब सिरीज़ पर भारी पड़ रहा है। जहां इसमें रघुवीर यादव (Raghubeer Yadav), नीना गुप्ता (Neena Gupta) जैसे मंझे हुए कलाकार हैं वहीं मुख्य भूमिका में जितेंद्र कुमार (Jitendra kumar) ने फिर कमाल कर दिखाया है। लेकिन इसी के साथ साथी कलाकार भी खास तौर पर उभरकर सामने आए हैं।

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पंचायत वेब सिरीज़ के पहले सीज़न के बाद बेसब्री से दूसरे सीज़न का इंतज़ार था। अब जबकि ये दर्शकों के सामने आ चुका है, लोग फिर इसके दीवाने हुए जाते हैं। इन दिनों जिस तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मारधाड़, हिंसा, गालियां, अश्लीलता का बोलबाला है, ऐसे में पंचायत ठंडी हवा का झोंके की तरह है। इसकी पृष्ठभूमि एक साधारण का फुलेरा गांव (Fulera village) है और भाषा भी बहुत ही सामान्य। रोज़मर्रा के हंसने रोने के सीन है, न कोई अति नाटकीयता है न ही बहुत उलझे हुए पेंच। लेकिन इसी बात ने इसे खास बना दिया है। लोगों को ये सादगी बेहद पसंद आ रही है और मुख्य भूमिका निभाने वाले जितेंद्र कुमार ने अपनी एफर्टलेस एक्टिंग से सभी का दिल जीत लिया है। इन सबके बीच सहकलाकारों ने भी कमाल कर दिखाया है। प्रह्लाद चाचा की भूमिका में फैज़ल मलिक (Faisal malik) और विकास की भूमिका में चंदन राय (Chandan Roy) खूब जमें हैं। वहीं इस बार रिंकी का चेहरा भी सामने आया है और इस रोल में सान्विका (Saanvika) को भी खूब पसंद किया जा रहा है।

विकास उर्फ चंदन राय

यूं तो बात करने के लिए हर चरित्र की अपनी खूबी है, लेकिन आज हम जानते हैं विकास उर्फ चंदन राय के बारे में। बेहद साधारण सूरत लेकिन कमाल के कलाकार। इन्हें देखकर लगता है कि कोई आसपास रहने वाला लड़का ही है। अभिषेक को ‘अविशेक सर’ और सड़क को ‘सरक’ कहने वाले विकास अब सड़कों से उठकर मुंबई महानगर में अपना खुद का मकान लेने का सोच रहे हैं। चंदन दिल्ली के रहने वाले हैं और थियेटर ब्रैकग्राउंड से हैं। 2017 में मुंबई का रूख करने के बाद उन्होने लंबे समय तक संघर्ष किया। एक इंटरव्यू में उन्होने बताया कि पैसों की इतनी तंगी थी कि वो किसी भी रोल के लिए तैयार हो जाते, यहां तक की लाश बनने को कहा जाता तो हजार रूपये के लिए वो उसमें भी राज़ी थे। एक समय में उन्होने दस रूपये के तीन केले खरीदकर भी अपनी भूख मिटाई है।

मां कहती है एक्टिंग छोड़ सरकारी नौकरी करे चंदन

लेकिन पंचायत सिरीज़ में काम मिलने के बाद चंदन राय की तकदीर बदल गई। अब वो लोगों की निगाहों में हैं और सफलता उनके कदमों तले। चंदन का कहना है कि उन्होने तय कर लिया था कि वो इसमें कोई एक्टिंग नहीं करेंगे, बल्कि खुद विकास बन जाएंगे। शायद यही वजह है कि वो इतने स्वाभाविक नजर आते हैं। हालांकि इसी बीच चंदन राय ये मज़ेदार बात भी बताना नहीं भूलते कि उनकी मां चाहती रही हैं कि वो एक्टर की बजाय दरोगा बन जाएं। अब इतनी सफलता पाने के बाद भी उनकी मां अक्सर कहती हैं कि वो घर आ जाएं और सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करें। अगर उम्र निकल गई तो फिर सरकारी नौकरी नहीं मिलेगा। चंदन का कहना है कि आज भी मिडिल क्लास के भीतर अपने भविष्य को लेकर इतनी आशंकाएं हैं कि वो एक सरकारी नौकरी को ही सबसे बड़ा आश्वासन मान बैठते हैं। लेकिन इन्होने ठान लिया है कि मुंबई में ही रहकर अपनो सपनों को नई उड़ान देंगे और पंचायत सिरीज़ की कामयाबी के बाद ये बात सच होती भी नज़र आ रही है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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