पंचायत वेब सीरीज की रिंकी यानी एक्ट्रेस सांविका ने सोशल मीडिया पर ऐसा इमोशनल पोस्ट शेयर किया है जिसने फैन्स के साथ-साथ इंडस्ट्री में भी हलचल मचा दी है। दरअसल अपने पोस्ट में उन्होंने बताया कि कैसे एक आउटसाइडर होने की वजह से उन्हें इंडस्ट्री में बराबरी का व्यवहार नहीं मिलता। बिना किसी बड़े नाम या फैमिली बैकग्राउंड के होने की वजह से उन्हें अलग नजरों से देखा जाता है। उनका ये पोस्ट उन हजारों लोगों की आवाज बन गया है जो इंडस्ट्री के अंदरूनी भेदभाव से जूझते हैं।
दरअसल सांविका ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, “कभी-कभी मैं चाहती हूं कि मैं एक इनसाइडर होती या शायद बहुत पावरफुल बैकग्राउंड से होती, तो चीजें इतनी आसान होती (शायद, मुझे नहीं पता), सम्मान पाने और समान व्यवहार किए जाने जैसी बुनियादी बातें। संघर्ष कम होते। डटे रहना।”
क्या है इसके पीछे का कारण?
वहीं इस पोस्ट में उन्होंने किसी घटना का सीधा ज़िक्र तो नहीं किया, लेकिन साफ है कि इंडस्ट्री में काम करते हुए उन्हें कई बार खुद को साबित करना पड़ा है। यह दर्द हर उस कलाकार का है जो बिना किसी गॉडफादर के अपनी पहचान बनाने निकलता है। सांविका का यह पोस्ट दिखा रहा है कि ‘रिंकी’ जैसे चहेते किरदार के बावजूद भी इंडस्ट्री में बराबरी का दर्जा मिलना कितना मुश्किल है। बता दें कि सांविका को असली पहचान ‘पंचायत’ सीजन 2 से मिली थी, जब उन्होंने सचिव जी यानी जितेंद्र कुमार के अपोजिट रिंकी का किरदार निभाया था। हालांकि, सीजन 1 में रिंकी को बस briefly इंट्रोड्यूस किया गया था, लेकिन सीजन 2 में उनकी एक्टिंग और केमिस्ट्री को दर्शकों ने बेहद अच्छा लगा।
आउटसाइडर बनाम इनसाइडर क्या है?
वहीं अब जब सीजन 3 आ चुका है और सीजन 4 की चर्चा भी तेज हो गई है, तब एक्ट्रेस का ऐसा पोस्ट यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या स्टारडम और टैलेंट के बावजूद भी बाहर से आए कलाकारों को इंडस्ट्री में बराबरी का हक नहीं मिलता है? वहीं रिंकी और सचिव जी की लव स्टोरी को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है, लेकिन पर्दे के पीछे की हकीकत कुछ और ही कहती है। सांविका का पोस्ट उसी बहस को फिर हवा देता है, जो सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद जोर पकड़ चुकी थी और ये मुद्दा था आउटसाइडर बनाम इनसाइडर का। दरअसल तमाम टैलेंटेड एक्टर्स, जो बिना किसी फिल्मी बैकग्राउंड के आते हैं, उन्हें इंडस्ट्री में जगह बनाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। वहीं स्टार किड्स को आसान मौके मिल जाते हैं।





