ऋषि कपूर को फिल्म में कास्ट करना राज कपूर को पड़ा महंगा, इनसे लेनी पड़ी थी स्पेशल परमिशन

ऋषि कपूर का फिल्मी सफर पांच दशक से अधिक का रहा और उन्होंने कई यादगार फिल्मों में काम किया। एक्टिंग की शुरुआत छोटी उम्र में अपने पिता की फिल्म "मेरा नाम जोकर" (1970) में युवा राजू के किरदार से की, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।

Sanjucta Pandit
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Rishi Kapoor : अपने जमाने की सुपरस्टार रह चुके दिवंगत ऋषि कपूर को आज के युवा जेनरेशन भी अच्छी तरह से जानते हैं। उनसे जुड़े बहुत सारे किस्से आप सभी ने सुने ही होंगे। यह नाम पर्सनल लाइफ के साथ-साथ प्रोफेशनल लाइफ को लेकर भी हमेशा से मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा है। आप सबको यह जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की नींव रखने वाले परिवार के चिराग की बड़े पर्दे पर एंट्री आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और उनकी किस्मत यूं बदली की अपने करियर में तरक्की ही तरक्की देखा।

बता दें कि ऋषि कपूर को फिल्म में कास्ट करने के लिए उनके पिता राज कपूर को अपनी पत्नी से परमिशन लेने पड़ी थी। इस बात से कई लोग वाकिफ नहीं होंगे, लेकिन इसका खुलासा खुद एक्टर ने पूराने इंटरव्यू में किया था।

मेरा नाम जोकर से जुड़ा है किस्सा

जी हां! दरअसल, यह मेरा नाम जोकर फिल्म से जुड़ा एक किस्सा है, जो कि रोमांटिक ड्रामा फ़िल्म थी। इसमें राज कपूर के अलावा मनोज कुमार, ऋषि कपूर, सिमी ग्रेवाल, धर्मेंद्र, अचला सचदेव और दारा सिंह रंधावा नजर आए थे। फिल्म में गरीबी से लड़ते हुए एक लड़के के स्ट्रगल स्टोरी दिखाई गई थी। उस वक्त फिल्में राज कपूर के बचपन का रोल निभाने के लिए एक बाल कलाकार की जरूरत थी, जिसे किसी और ने नहीं, बल्कि ऋषि कपूर ने भी निभाया था।

बचपन से ही की शुरु

वैसे तो ऋषि कपूर ने मेरा नाम जोकर फिल्म से ही अपने करियर की शुरुआत कर ली थी। जिसके लिए उन्हें बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का भी किताब मिला था, लेकिन उन्होंने बॉबी फिल्म से डेब्यू किया था। इसमें उनके साथ डिंपल कपाड़िया लीड रोल में नजर आईं थी। बता दें कि ऋषि कपूर ने एक बार अनुपम खेर के साथ हुई बातचीत में इस किस्से को सुनाया था।


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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