कपूर खानदान के चिराग को थप्पड़ मारना इस राइटर को पड़ा था भारी, एक रात में छीन गई 18 फिल्में, बर्बाद हुआ करियर

कपूर परिवार बॉलीवुड के सबसे चर्चित नामों में से एक है। आज हम आपको इस परिवार के सुपरस्टार राज कपूर से जुड़ा किस्सा बताते हैं। उन्हें थप्पड़ मारना एक एक्टर को बहुत भारी पड़ गया था।

कपूर खानदान बॉलीवुड इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम है, जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है। यहां का हर एक नाम अपने आप में सितारा है क्योंकि यह सभी चमक धमक की इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। इस परिवार से इंडियन सिनेमा को एक से बढ़कर एक सितारे मिले जिन्होंने दुनिया भर में बॉलीवुड के नाम को रोशन किया। कपूर खानदान से जितने सुपरस्टार्स के नाम जुड़े हुए हैं। उतना ही विवादों से भी इनका नाता रहा है।

बहुत समय पहले एक ऐसा ही विवाद हुआ था। जब एक चमचमाते हुई लेखक ने कपूर खानदान के सुपरस्टार को थप्पड़ जड़ दिया था। उस लेखक को यह थप्पड़ इतना भारी पड़ा कि उसका पूरा करियर बर्बाद हो गया और जीवन लीला भी खत्म हो गई। यह किस्सा है कपूर खानदान के सबसे चर्चित नाम राज कपूर का जिन्हें थप्पड़ मारना एक लेखक को बहुत भारी पड़ा।

राज कपूर से हुआ था विवाद (Raj Kapoor)

जानकारी के मुताबिक लेखक इंद्र राज आनंद का विवाद कपूर खानदान का चिराग राज कपूर से हुआ था। दरअसल, फिल्म संगम की सक्सेस की पार्टी चल रही थी और इस दौरान इंद्र ने राज कपूर को थप्पड़ मार दिया था। जब कपूर खानदान के चिराग पर हाथ उठाया गया उसके बाद राज कपूर सहित कई सारे सितारों ने इंद्र को बॉयकॉट करना शुरू कर दिया। हालत यह हो गई की रातों-रात उनसे 18 फिल्में छीन ली गई। लोगों ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया। यह दर्द इंद्र से सहन नहीं हुआ और हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई।

चमचमाते हुए सितारे थे इंद्र

इंद्र राज आनंद एक्टर टीनू आनंद के पिता थे। वह बहुत शानदार लेखक थे। जिस समय यह किस्सा हुआ उस समय उनकी गिनती इंडस्ट्री के बड़े-बड़े लेखकों में होती थी। उन्होंने कई फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी जिसमें डायलॉग और कहानी बहुत ही शानदार हुआ करते थे। बॉक्स ऑफिस पर उनकी लिखी गई फिल्में सुपरहिट भी साबित हुई। कई सारे प्रोडक्शन हाउस, एक्टर और डायरेक्टर से उनके संबंध थे। करियर पीक पर चल रहा था लेकिन एक गलती ने सब कुछ पर बर्बाद कर दिया।

इस बारे में टीनू आनंद ने खुद बताया था कि एक ही रात में मेरे पिता से 18 फिल्में छीन ली गई थी। यह उनसे सहन नहीं हुआ और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। उनका चमचमाता हुआ फ्यूचर आने वाला था लेकिन एक झटके में सब कुछ बर्बाद हो गया। उन्होंने यह भी बताया था कि यह सब उनके परिवार के लिए काफी दर्द भरा था।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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