शाहरुख खान को ‘डॉ. बीआर अंबेडकर’ फिल्म में लीड रोल ऑफर हुआ था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। बाद में ममूटी ने ये रोल निभाया और 1999 में इसके लिए 3 नेशनल अवॉर्ड जीते। लेकिन शाहरुख ने क्यों मना किया, और ममूटी को ये रोल कैसे मिला? चलो, इस दिलचस्प कहानी को जानते हैं।
‘डॉ. बीआर अंबेडकर’ फिल्म 2000 में रिलीज़ हुई थी, जिसे डायरेक्टर जब्बार पटेल ने बनाया। शाहरुख खान को पहले ये रोल ऑफर हुआ था, लेकिन उन्होंने रिस्पेक्ट की वजह से मना कर दिया। इसके बाद जब्बार ने ममूटी को चुना, क्योंकि एक मैगज़ीन में उनकी फोटो देखकर लगा कि उनकी शक्ल अंबेडकर से मिलती है। ममूटी ने भी पहले रिजेक्शन दिया, क्योंकि उन्हें अपनी मूंछें हटानी थीं, लेकिन बाद में वो मान

ममूटी 3 नेशनल अवॉर्ड, कैसे मिला ये रोल?
जब्बार पटेल ने ममूटी को कास्ट करने के लिए उनके चेहरे को अंबेडकर की तस्वीर के साथ फोटोशॉप किया और फिर फिल्ममेकर अडूर गोपालकृष्णन से ममूटी का इंट्रोडक्शन करवाया। ममूटी ने हर महीने 10 दिन देने का वादा किया और फिल्म को पूरा डेडिकेशन दिया। फिल्म हिंदी और इंग्लिश में एक साथ शूट हुई, जिसका बजट 8.95 करोड़ रुपये था। ये बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। ममूटी को इसके लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला, साथ ही फिल्म को बेस्ट आर्ट डायरेक्शन और बेस्ट फीचर फिल्म इन इंग्लिश के अवॉर्ड भी मिले। हैरानी की बात ये है कि इस रोल के लिए हॉलीवुड स्टार रॉबर्ट डी नीरो को भी अप्रोच किया गया था, लेकिन वो अपने एक्सेंट की वजह से पीछे हट गए।
डॉ बीआर अंबेडकर फिल्म 2000 में रिलीज़ हुई
ये फिल्म 1998 में सर्टिफाइड हुई और 2000 में रिलीज़ हुई। इसमें अंबेडकर की ज़िंदगी के अहम हिस्सों को दिखाया गया, जैसे 1920 में मूकनायक अखबार की शुरुआत और कोल्हापुर में मंगांव कॉन्फ्रेंस में श्री शाहू महाराज से मुलाकात। ममूटी ने अंबेडकर के बोलने और चलने के स्टाइल को बारीकी से कॉपी किया, जिसकी वजह से उनकी परफॉर्मेंस को खूब सराहा गया। ये ममूटी की हिंदी सिनेमा में पहली फिल्म थी।