साउथ की सबसे खतरनाक फिल्मो में से एक मार्को, 5 साल की मेहनत, एक्शन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड!

मलयालम फिल्म ‘मार्को’ को साउथ की सबसे खतरनाक फिल्म कहा जा रहा है। 5 साल की मेहनत से बनी इस फिल्म के एक्शन और खून-खराबे ने दर्शकों को हैरान कर दिया। थिएटर में लोग बीमार पड़ रहे हैं! जानें इसे बनाने में क्या हुआ और क्यों है ये इतनी खास।

‘मार्को’ एक मलयालम एक्शन थ्रिलर है, जिसे हनीफ अदेनी ने डायरेक्ट किया और उन्नी मुकुंदन ने लीड रोल निभाया। रिलीज के बाद इसे भारत की सबसे ज्यादा एक्शन वाली फिल्म माना जा रहा है।

2019 में शुरू हुई प्लानिंग से लेकर 2024 की रिलीज तक, इसे बनाने में 5 साल लगे। इसके गोर (खून-खराबा) और हाई-ऑक्टेन एक्शन की वजह से दर्शक थिएटर में परेशान हो रहे हैं। कहानी एक गैंगस्टर की है, जो अपने प्रियजन की मौत का बदला लेता है। इसकी तीव्रता इतनी है कि सेंसर बोर्ड ने इसे ‘A’ सर्टिफिकेट दिया और टीवी राइट्स रिजेक्ट कर दिए। अगर आप साउथ सिनेमा के फैन हैं और इस अनोखी फिल्म की कहानी जानना चाहते हैं, तो ये जानकारी आपके लिए है।

‘मार्को’ ने साउथ सिनेमा के सरे रिकॉर्ड तोड़े

‘मार्को’ के एक्शन सीन्स ने साउथ सिनेमा के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। खून-खराबे के सीन इतने भयानक हैं कि थिएटर में दर्शकों के उल्टी करने और बेहोश होने की खबरें आईं। एक सीन में पूरा घर खून से लाल हो जाता है। हनीफ अदेनी ने इसे कोरियन फिल्मों जैसे ‘I Saw the Devil’ से प्रेरित बताया। फिल्म में हर मिनट कुछ न कुछ भयानक होता है। सेंसर बोर्ड ने कई सीन काटने को कहा, लेकिन फिर भी ये भारत की सबसे तीव्र फिल्म बनी। 20 दिसंबर 2024 को रिलीज हुई इस फिल्म ने 14 दिन में 79 करोड़ रुपये कमाए, जो मलयालम सिनेमा के लिए बड़ी उपलब्धि है। लेकिन इसके भारी एक्शन की वजह से टीवी पर दिखाने की इजाजत नहीं मिली। उन्नी मुकुंदन का कहना है कि ये एक्शन कहानी का हिस्सा है।

क्यों लगी 5 साल की मेहनत

‘मार्को’ को बनाने में 5 साल लगे, क्योंकि डायरेक्टर हनीफ अदेनी इसे बिल्कुल परफेक्ट चाहते थे। 2019 में स्क्रिप्टिंग शुरू हुई, लेकिन 2020 में सेट पर क्रेन गिरने से 3 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई, जिससे शूटिंग 2 साल टल गई। कोविड-19 ने भी देरी की। 2022 में शूटिंग दोबारा शुरू हुई, जिसमें केरल और कोरिया के लोकेशन्स यूज किए गए। एक्शन सीन्स के लिए हॉन्ग कॉन्ग के स्टंट कोरियोग्राफर्स हायर किए गए। फिल्म का बजट 30 करोड़ रुपये था, जिसमें वीएफएक्स और पोस्ट-प्रोडक्शन पर खास ध्यान दिया गया। 2024 में शूटिंग पूरी हुई, और मार्च तक पोस्ट-प्रोडक्शन चला। फिल्म को 4DX और IMAX में रिलीज किया गया, जो मलयालम सिनेमा के लिए नया था। टेक्निकल क्वालिटी की तारीफ हुई, लेकिन कहानी में इमोशनल गहराई की कमी बताई गई।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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