अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई मलयालम फिल्म ‘अंजक्कलक्कोक्कन’ (Anjakkallakokkan) दर्शकों को तेजी से आकर्षित कर रही है। इस फिल्म में न तो कोई ग्लैमर है, न ही ओवर द टॉप एक्शन, लेकिन फिर भी इसकी कहानी और सस्पेंस आपको स्क्रीन से हटने नहीं देगा।
जानिए क्या है कहानी
फिल्म की शुरुआत होती है जंगल के पास बसे एक छोटे गांव से, जहां एक रसूखदार जमींदार सपरा की हत्या हो जाती है। इस मर्डर केस की तहकीकात के लिए गांव में नए आए कांस्टेबल वासुदेवन को जिम्मेदारी दी जाती है।

आगे जो कहानी खुलती है, वो सिर्फ एक क्राइम इन्वेस्टिगेशन नहीं बल्कि इंसानी सोच, चालाकी और रहस्यों का गहरा जाल बन जाती है। अगर आपने ‘दृश्यम’ देखी है और उसकी टेंशन भरी कहानी आज भी याद है, तो ‘अंजक्कलक्कोक्कन’ आपको फिर से उसी तरह की फीलिंग देगा। फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार कहानी गांव के माहौल में सेट है और यहां का हर किरदार एक शक की नजर में है।
थ्रिलर, सस्पेंस और लॉजिक बेस्ड
फिल्म का निर्देशन उल्लास साम्बन ने किया है, जिन्होंने इसे बहुत सधी हुई स्टोरीटेलिंग के साथ पेश किया है। लुकमान अवरन ने वासुदेवन के रोल में जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है। शेम्बन विनोद जोस ने हेड कांस्टेबल नंदवरंबन पीटर के रोल में अपने किरदार को गहराई दी है। ‘अंजक्कलक्कोक्कन’ में न सिर्फ मर्डर मिस्ट्री है, बल्कि उसका सामाजिक पहलू, गांव की राजनीति और इंसानी स्वभाव भी बखूबी दिखाया गया है। यही वजह है कि यह फिल्म सिर्फ एक क्राइम थ्रिलर नहीं, बल्कि एक सिनेमैटिक अनुभव बन जाती है। अगर आप थ्रिलर, सस्पेंस और लॉजिक बेस्ड कहानियों के शौकीन हैं, तो ये फिल्म आपके लिए परफेक्ट चॉइस हो सकती है।
क्यों है यह फिल्म इतनी खास?
पिछले कुछ सालों में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अपनी अलग पहचान बनाई है। इसकी बड़ी वजह है इन फिल्मों की रियलिस्टिक अप्रोच, शानदार लेखन और कहानी को सीधे तरीके से कहने की शैली। ‘अंजक्कलक्कोक्कन’ भी इस ट्रेंड का हिस्सा है। ना तो ये फिल्म ग्लैमर दिखाने की कोशिश करती है, और न ही किसी बड़े स्टारडम पर टिकी है। इसकी सादगी, मजबूत कहानी और नेचुरल परफॉर्मेंस इसे खास बनाते हैं।