TMKOC: तारक मेहता ड्रामा की कलाकार मुनमुन दत्ता ने 9 साल छोटे टप्पू उर्फ राज उनादकट संग की संगाई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुनमुन दत्ता ने अपने से 9 साल छोटे टप्पू यानी राज अनादकट से सगाई कर ली है। दोनों ने गुजरात के वडोदरा में अपने परिवार की मौजूदगी में सगाई कर ली है।

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Munmun Dutta Raj Anadkat Engagement: पॉपुलर टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में हर कलाकार का किरदार काफी चर्चा में रहा है। ड्रामा में बबिता जी का किरदार निभाने वाली मुनमुन दत्ता और टप्पू का किरदार निभाने वाले राज अनादकट के बीच अफेयर की चर्चा पर विराम लग गया है। दरअसल दोनों ने बुधवार को सगाई कर ली है।

9 साल छोटे टप्पू से की सगाई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुनमुन दत्ता ने अपने से 9 साल छोटे टप्पू यानी राज अनादकट से सगाई कर ली है। दोनों ने गुजरात के वडोदरा में अपने परिवार की मौजूदगी में सगाई कर ली है। वहीं इन दोनों के परिवार वालों को इस रिश्ते से कोई तकलीफ नहीं थी, दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते से काफी खुश थे। न्यूज 18 इंडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ने अंगूठी का अदला बदली कर सगाई कर ली है। बता दें मुनमुन दत्ता की उम्र 36 साल हैं। वहीं राज अनादकट की उम्र 27 साल हैं।

काफी दिनों से चल रहा था डेट

सूत्रों के मुताबिक मुनमुन दत्ता और राज अनादकट दोनों एक दूसरे को काफी दिनों से डेट कर रहे थे। दोनों के बीच सेट के दौरान ही अफेयर की चर्चाएं की जाती थी। वहीं डेट की खबर साल 2021 में पहली बार रिवील हुई थी। उस वक्त मुनमुन ने इस बात को नकार दिया था।

साल 2008 में शामिल हुई थी शो में

तारक मेहता उल्टा चश्मा एक कॉमेडी फैमिली ड्रामा है। जिसमें सभी किरदारों को हंसी का तड़का लगाते हुए देखा जा सकता है। वहीं इस शो में मुनमुन दत्ता साल 2008 में शामिल हुई थी। वहीं मुनमुन शो में अय्यर की पत्नी का किरदार निभाया था। वहीं राज अनादकट ने साल 2017 में टप्पू के किरदार को निभाया था और साल 2021 में उन्होंने शो को छोड़ दिया था।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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