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Sat, Dec 20, 2025

उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर लगी रोक, सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा फिल्म रिलीज करने पर रोक लगा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दोबारा सुनवाई करने पर सहमति जताई है। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता ने यह भी बताया कि सीबीएफसी ने पहले ही फिल्म को मंजूरी दे दी है।
उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर लगी रोक, सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर रोक लगा दी थी। दरअसल, यह फिल्म बड़े पर्दे पर 11 जुलाई को रिलीज होनी थी, लेकिन इससे एक दिन पहले कोर्ट ने अस्थाई रूप से रोक लगाई। इसके बाद फिल्म निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताई है। देखा जाए तो यह पहला मामला नहीं है जब मूवी के कानून पचड़े में फंसने का मामला सामने आया है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि फिल्मों में कुछ विवादित कंटेंट के चलते रिलीज होने से पहले कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिनमें से एक उदयपुर फाइल्स भी शामिल हो चुकी है, जिसके विवादों का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।

दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा फिल्म रिलीज करने पर रोक लगा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दोबारा सुनवाई करने पर सहमति जताई है। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता ने यह भी बताया कि सीबीएफसी ने पहले ही फिल्म को मंजूरी दे दी है। ऐसे में इसका रिलीज न करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

जानें पूरा मामला

मामले को लेकर फिल्म निर्माता के वकील ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। उनका मानना है कि फिल्म में कोई भी ऐसा मुद्दा नहीं है, जो विवाद की स्थिति उत्पन्न कर सके। यह बस एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें कन्हैया लाल जैसे मासूम दर्जी की हत्या का मामला दिखाया गया है, जो कि राजस्थान के उदयपुर में टेलर थे, जिन पर इल्जाम था कि उन्होंने भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के सपोर्ट में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी, जिसके बाद कथित तौर पर उनका कत्ल कर दिया गया था। मीडिया सूत्रों के अनुसार, 28 जून 2022 को अपराधियों ने मिलकर दर्जी का काम करने वाले कन्हैया का गला रेत दिया था, जिसका वीडियो भी उन लोगों ने बनाया और उसे वायरल भी किया था।

ऐसे आया विवादों में…

इस फिल्म को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद और प्रशांत टंडन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह तर्क दिया था कि फिल्म की रिलीज से भाईचारे पर फर्क पड़ेगा। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी तर्क दिया था कि फिल्म से पब्लिक को खतरा हो सकता है, जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म रिलीज होने से एक दिन पहले ही इस पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा, वाराणसी में भी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव, शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने डीएम और पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखकर इसकी रिलीज पर रोक की मांग की है।