इंदिरा गांधी की बेहद खास थी यह महिला, बेटे ने बॉलीवुड पर लंबे समय तक किया राज

समाज सेवा के साथ-साथ यह महिला इंदिरा गांधी की बहुत करीबी मित्र थीं। इसलिए राजीव गांधी और उनके बेटे के बीच भी गहरी दोस्ती थी। मनोविज्ञान की शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने डिग्री कॉलेज लाहौर में पढ़ाना शुरू कर दिया था।

Sanjucta Pandit
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Teji Bachchan : बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने शानदार अभिनय के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई है। उनके प्रति दीवानगी का जो आलम एक समय था, वह आज भी कम नहीं हुआ है। फैंस उन्हें देखने के लिए आज भी बड़ी बेसब्री से उनका इंतजार करते हैं। उनकी फिल्मों के गाने और डायलॉग आज भी उतने ही पसंद किए जाते हैं।

अमिताभ बच्चन अक्सर किसी भी टीवी शो या अवॉर्ड शो में अपने पिता हरिवंश राय बच्चन का नाम गर्व से लेते हैं। लेकिन आज हम आपको उनकी मां तेजी बच्चन से जुड़ा एक किस्सा बताएंगे, जो भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की घनिष्ठ सहेली थीं और उनके परिवार के बेहद करीब थीं।

थीं शिक्षित महिला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेजी बच्चन अपने समय की बेहद शिक्षित महिला थीं। बता दें कि उनके बेटे अमिताभ बच्चन दशकों से बॉलीवुड पर राज कर रहे हैं और आज भी वह अपने फैंस के दिलों में खास जगह बनाए हुए हैं। तेजी बच्चन न केवल एक समाज सेविका थीं, बल्कि उन्हें मनोविज्ञान की प्रोफेसर भी माना जाता था। साल 2007 में 93 वर्ष की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका असली नाम तेजवंत कौर सूरी था और उनका जन्म पंजाब में हुआ था। बचपन से ही वह पढ़ाई में बहुत तेज थीं। इसके अलावा, साहित्य में उनकी गहरी रुचि थी। इसलिए आगे चलकर उन्होंने मनोविज्ञान की पढ़ाई भी की थी।

इंदिरा गांधी की थीं करीबी

समाज सेवा के साथ-साथ तेजी बच्चन इंदिरा गांधी की बहुत करीबी मित्र थीं। इसलिए अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी के बीच भी गहरी दोस्ती थी। राजीव गांधी और सोनिया गांधी की शादी में तेजी बच्चन ने बहुत सी रस्मों को खुद ही निभाया था।


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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