Shyam Benegal Birthday : श्याम बेनेगल भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख निर्देशक और फिल्म निर्माता हैं। उन्होंने अपनी अनूठी दृष्टि और कला के माध्यम से बहुत सारी प्रसिद्ध फिल्मों को दर्शाया है। उनकी फिल्में सामाजिक मुद्दों, मानवीय दर्शन और साहित्यिक तत्वों पर आधारित होती हैं। श्याम बेनेगल का नाम कुछ ऐसी फिल्मों से जुड़ा है जो समाज में उठे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। उनकी फिल्म ‘अद्भुत’, ‘अजन्मा’ जैसी फिल्में उनके समाज में सामाजिक मुद्दों को उठाने की क्षमता को दर्शाती है। वहीं, उन्होंने फिल्म मेंकिग के लिए कई बार नेशनल अवॉर्ड भी जीता है। आइए जानते हैं उनकी कुछ टॉप फिल्में यहां…
अंकुर
‘अंकुर’ ने श्याम बेनेगल को निर्देशक के रूप में अद्वितीय पहचान दिलाई थी। यह फिल्म समाज में विरोधाभासी और संघर्षपूर्ण मुद्दों को उजागर करती है जैसे कि सामंतवाद, यौन उत्पीड़न और व्यक्तिगत स्वतंत्रता। इस फिल्म ने सामाजिक बदलाव को दर्शाने के साथ ही उस समय के सामाजिक समीकरण को भी उजागर किया गया था। इस फिल्म ने श्याम बेनेगल को न केवल निर्देशक के रूप में मान्यता प्राप्त करायी, बल्कि इसने उन्हें बॉलीवुड फिल्म उद्योग के बाहर से आने वाले फिल्म निर्माताओं की दृष्टि में भी एक अनोखी पहचान दिलाई।
कलयुग
‘कलयुग’ काफी दिलचस्प फिल्म थी जो सम्प्रदायिक दुश्मनी, व्यवसायिक संघर्ष और परिवार के मोह में उलझे रिश्तों को दर्शाइ गई थी। इस फिल्म आधुनिक जमाने की महाभारत कही गई थी। जिसमें परिवारों के बीच बिगड़ते संबंध, दुश्मनी और व्यवसायिक राजनीति को विस्तार से दिखाया गया था। श्याम बेनेगल ने इस फिल्म में आपत्तिजनक व्यवहार, संघर्ष और नैतिकता को दर्शाते हुए सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया था।
मंडी
‘मंडी’ एक उत्कृष्ट फिल्म है जो समाज में कोठे से जुड़ी महिलाओं की कहानी पर ध्यान केंद्रित करती है। यह फिल्म श्याम बेनेगल की अनूठी दृष्टि और कला को प्रदर्शित करती है और सामाजिक मुद्दों पर गहरा जोर देती है। यह महिलाओं की ताकत और उनकी संघर्षपूर्ण दुनिया को बयां करती है। इसमें शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह ने अपने अभिनय के माध्यम से कमाल की प्रस्तुति दी थी।
जुबैदा
‘जुबैदा’ एक दिलचस्प और भावनात्मक फिल्म थी। जिसमें प्रेम, प्रतिस्थापना, और ज़िन्दगी के अलग-अलग पहलुओं को उजागर किया गया था। यह फिल्म एक आत्मविश्वासी महिला की कहानी है, जो अपने प्यार और सपनों के लिए संघर्ष करती है। जुबैदा (करिश्मा कपूर) एक नायिका होती है जो महाराजा विजेंद्र सिंह (मनोज बाजपेयी) से प्यार करती है। इस फिल्म में रेखा ने जुबैदा की सौतन की भूमिका निभाती है।
किस बात से चिढ़ते हैं श्याम बेनेगल?
वहीं, यदि हम श्याम बेनेगल के गुस्से की बात करें तो उन्हें एक बात से चिढ़ रही है कि अगर वह किसी को भी सेट पर लाइन याद करते हुए देख लेते थे तो वह काफी गुस्सा हो जाते थे। साथ ही वह एक्टर्स को यह नसीहत देते थे कि वह अपनी लाइन याद करके ही सेट पर पहुंच करें। इन इंस्ट्रक्शंस को सभी लोग फॉलो भी करते थे। इसके अलावा, उनकी सबसे खास बात यह थी कि उनकी फिल्म के लिए लोगों को 8 से 9 घंटे तक ही काम करना पड़ता था।