पंचायत जैसे हिट शो के बाद अब ‘सरपंच साहब’ ने भी अपनी सादगी और रियलिस्टिक कहानी से दर्शकों को जोड़ लिया है। यह सीरीज एक काल्पनिक गांव रामपुरा की राजनीति को दिखाती है, जहां तीन दशकों से सत्ता में बैठे सरपंच को एक पढ़े-लिखे युवा से चुनौती मिलती है। इस कहानी में सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि सिस्टम से टकराने, समाज को बदलने और नई सोच को अपनाने की जद्दोजहद दिखाई गई है। इसी वजह से ‘सरपंच साहब’ सिर्फ एक एंटरटेनमेंट सीरीज नहीं, बल्कि एक सोशल रिफ्लेक्शन बन गई है।
दरअसल ‘सरपंच साहब’ वेब सीरीज ने रिलीज के साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म WAVES OTT पर धूम मचा दी है। पिछले एक महीने से यह टॉप ट्रेंडिंग में बनी हुई है, और दर्शक इसके सातों एपिसोड्स को बड़े चाव से देख रहे हैं। इस सीरीज की कहानी गांव की ज़मीन से जुड़ी है, जिससे हर भारतीय खुद को जोड़ पाता है।

किन कलाकारों से सजी हैं फिल्म?
बता दें कि निर्देशक शाहिद खान का यह डायरेक्टोरियल डेब्यू है, लेकिन उनकी स्टोरी टेलिंग और रियल ट्रीटमेंट की तारीफ हो रही है। वहीं सोनू सूद की पत्नी सोनाली सूद ने इसे प्रोड्यूस किया है, जो अपने पहले ही प्रोजेक्ट में सटीक कंटेंट देने में सफल रही हैं। कहानी के मुख्य किरदारों में शामिल हैं विनीत कुमार, पंकज झा, सुनीता राजवार और युक्ति कपूर। इन सभी कलाकारों ने अपने रोल्स को इतनी गंभीरता से निभाया है कि दर्शकों को गांव के असली लोग महसूस होते हैं। ऑथेंटिक भाषा, देसी लोकेशन्स और सधी हुई स्क्रिप्ट इसे खास बना देती है।
गांव की राजनीति को दिखाती है Sarpanch Sahab की कहानी
दरअसल सरपंच साहब’ की कहानी उन गांवों की हकीकत बयां करती है, जहां दशकों से एक ही चेहरा सत्ता में बैठा होता है और बदलाव को खतरा माना जाता है। सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे एक पढ़ा-लिखा युवा संजू गांव के पुराने सिस्टम को चुनौती देता है। यह कहानी सत्ता और सामाजिक सोच की लड़ाई है। यह दिखाता है कि कैसे बदलाव की सोच को बार-बार कुचला जाता है, लेकिन जब युवा सामने आता है, तो बात सिर्फ चुनाव जीतने की नहीं, गांव को नया सोच देने की बन जाती है।