आख़िर किसके डिज़ाइन्स ने बनाया उर्फ़ी ज़ावेद को बोल्ड और सबसे अलग, आइए जानें

मनोरंजन, डेस्क रिपोर्ट। पिछले काफ़ी समय से सोशल मीडिया और पेज 3 पर अपनी गहरी छाप छोड़ने वाली उर्फ़ी जावेद एक बार फिर चर्चाओं में हैं।पर इस बार जिस बात को लेकर उर्फी के बारे में चर्चा हो रही है वह ना तो उनकी ड्रेस को लेकर और ना ही उनके बयान को लेकर। इस बात की चर्चा है ऊर्फी के लिए की जा रही यूनीक ड्रेसेस के डिज़ाइनर के बारे में।

अनूठे ड्रेसिंग सेंस को लेकर चर्चाओं में रहने वाली जावेद जनता के बीच कभी जूट की बोरी की ड्रेस में नज़र आती हैं तो कभी अर्ध पारदर्शी ड्रेस में। हालांकि उनके इस अंदाज़ को लेकर ऊर्फी और उनके कपड़ों की जमकर ट्रॉलिंग भी की जाती है, लेकिन लोगों के तानों को अनसुना कर ऊर्फी वो करती हैं जो उनका दिल कहता है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।