इस एक्ट्रेस पर अपना दिल हार बैठे थे पहलवान दारा सिंह, पहली नजर में हो गया था प्यार

आज के आर्टिकल में हम आपको अभिनेता के लव लाइफ के बारे में बताएंगे। इसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है कि भी एक मोहब्बत थी, जो कभी मुकम्मल नहीं हो पाई थी।

रामानंद सागर की टीवी सीरियल रामायण में राम भक्त हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह (Dara Singh) आज भी लोगों को याद में हैं। अभिनेता होने के साथ-साथ विश्व विजेता पहलवान भी थे। अपने करियर के दौरान उन्होंने कुल 500 मुकाबला लड़े थे और जीत भी हासिल की थी। 55 साल की उम्र तक पहलवानी करने वाले दिग्गज एक्टर ने कभी भी हार का सामना नहीं किया था।

आज के आर्टिकल में हम आपको अभिनेता के लव लाइफ के बारे में बताएंगे। इसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है कि भी एक मोहब्बत थी, जो कभी मुकम्मल नहीं हो पाई थी।

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इस एक्ट्रेस पर हार बैठे थे दिल

दरअसल, बॉलीवुड में काम करते वक्त दारा सिंह एक अभिनेत्री पर अपना दिल हार बैठे थे। जिनका नाम मुमताज था। हिंदी सिनेमा में अपने जमाने की बेहतरीन अदाकारा होने के साथ-साथ वह एक अच्छी पर्सनालिटी भी थी। मुमताज ने करियर में सुपरहिट फिल्मों से लेकर बी ग्रेड फिल्म में भी काम किया। सेट पर उन्होंने कई छोटे बड़े रोल निभाए थे। हालांकि, कुछ कलाकार ऐसे भी थे, जो उनके साथ काम करना पसंद नहीं करते थे, लेकिन दारा सिंह पहली नजर में ही उन पर मर मिटे थे।

बॉलीवुड को ठहराया जिम्मेदार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुमताज ने दारा सिंह की फिल्म फौलाद के लिए उसे वक्त हां बोली जब कोई भी एक्ट्रेस उनके साथ काम करने को तैयार नहीं थीं। पारिवारिक रिश्ता होने के कारण हुआ था फिर वह उनके साथ प्यार में पड़ गए थे। दोनों की जोड़ी ऑन स्क्रीन भी काफी ज्यादा पसंद की जाने लगी। वहीं, जब मुमताज भी बी ग्रेड की टॉपिक एक्ट्रेस बन गई, तो दारा सिंह के साथ दूरियां बढ़ते-बढ़ते वह हमेशा के लिए उनसे अलग हो गए। इसके लिए दारा सिंह बॉलीवुड को जिम्मेदार ठहराते हैं।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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