Home Loan : तीन दिन चली बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया है। जिसका मतलब ये है कि होम लोन की ईएमआई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसके बाद ये उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर प्रॉपर्टी में इंवेस्ट करने की तरफ लोगों का रुझान बढ़ेगा। अब अगर आप लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले ईएमआई यानी कि इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट को जरूर कैलकुलेट कर लें। ऐसा करने से आपको ये पता चल जाएगा कि आपकी जेब पर कितना बोझ बढ़ने वाला है।
Home Loan के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
आप जब भी लोन लेने जाएंगे बैंक सबसे पहले आपसे कुछ डॉक्यूमेंट मांगेगा। इन डॉक्यूमेंट्स में आपकी सैलेरी स्लिप, आईटीआर और बैंक स्टेटमेंट शामिल होंगे. इन डॉक्यूमेंट्स के आधार पर बैंक आपकी इनकम का आंकलन करेगा। आप अगर किसी और सोर्स से इनकम हासिल करते हैं तो उसे भी कैलकुलेट किया जाएगा।
ऐसे होगा कैलकुलेशन
होम लोन लेने पर आपकी किश्त कितनी बनने वाली है इसका कैलकुलेशन तो बैंक करता है लेकिन आप चाहें तो खुद भी ईएमआई कैलकुलेट कर सकते हैं। उसका एक फॉर्मूला है। इस फॉर्मूले को आप एमएस एक्सल पर आजमा कर देख सकते हैं।
EMI = [P x (R/100) x (1+R/100) ^n] / [(1+R/100)^ n-1]
इस फॉर्मूले में P= प्रिंसिपल लोन अमाउंट, R= प्रतिमाह ब्याज दर, n= मासिक किस्तों की संख्या है।
इन फैक्टर्स से तय होगा Loan अमाउंट
होम लोन अमाउंट तय करने के बहुत से तरीके होते हैं। आपकी इनकम के अलावा आपका सिबिल स्कोर भी बहुत मायने रखता है।
जिन कस्टमर की क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी होती है उन्हें बैंक की ओर से ब्याज दर पर कुछ छूट मिल सकती है।