पटना, डेस्क रिपोर्ट बिहार (bihar) के 2 जिले में बीते 2 दिनों में 21 लोगों की मौत रिकॉर्ड की गई है। 16 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बिहार के गोपालगंज-बेतिया जिले में अचानक से लोगों की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनमें से 7 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है जबकि बेतिया में 9 लोगों की हालत गंभीर है। आशंका जताई जा रही है कि इन सभी लोगों ने जहरीली शराब (poisonous liquor) का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी है।
बिहार के गोपालगंज में गुरुवार को जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य बीमार हो गए। सूत्रों के मुताबिक मृतक लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल भेज दिया गया है ताकि मौत का सही कारण पता चल सके।
यह घटना जिले में एक पार्टी में जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत और कई अन्य लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों बाद हुई है। पिछले हफ्ते भी बिहार के सीवान जिले में कथित तौर पर अवैध शराब के सेवन से चार लोगों की मौत हो गई थी।
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पिछले हफ्ते की त्रासदी पर दुख व्यक्त करते हुए, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की थी क्योंकि शराब “स्वास्थ्य और समाज के लिए खराब” है। नितीश कुमार ने कहा कि हमने राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाया क्योंकि शराब एक गंदी चीज है। मिलावटी रूप में सेवन करने पर शराब के दुष्परिणाम कई गुना बढ़ जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जानता हूं कि राज्य में ज्यादातर लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं। मुट्ठी भर निवासी इसका उल्लंघन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कुछ लोगों पर “हमारे सुविचारित कदम के खिलाफ जाने वाले कृत्यों” में शामिल होने पर खेद व्यक्त किया और कहा कि जो लोग निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
प्रतिबंध के बावजूद बिहार में अवैध शराब के सेवन से बढ़ती मौतें राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय रही हैं। इस साल जनवरी से अक्टूबर तक नवादा, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीवान और रोहतास जिलों में कथित तौर पर नकली शराब पीने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य की आंखों की रोशनी चली गई।