26/11 Mumbai Attack: नहीं भुलाया जा सकता भारतीय इतिहास का वह काला दिन, इन फिल्मों में दिखाया गया भयानक मंजर

26/11 Mumbai Attack : भारत के इतिहास में ये वह काला पन्ना है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। इस दिन आंतकियों ने सपनों की नगरी मुंबई पर हमला कर सौ से ज्यादा बेगुनाह लोगों की जान ली थी। इस दिन चारों तरफ हर वर्ग के लोगों के आंखों में आंसु थे। इस दिन लोग अपने लोगों से बिछड़ गए, कितने बच्चे इस हमले में अनाथ हो गए। इस हमले के बाद पूरे देश में दहशत का माहौल बन गया था। लोग घरों में भी खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे थे। पुलिस, सुरक्षा बल काफी संख्या में आतंकियों से मुठभेड़ में जुड़ चुकी थी। वहीं, 29 नवंबर की सुबह तक नौ आतंकवादियों का सफाया किया जा चुका था और अजमल कसाब के तौर पर एक हमलावर पुलिस की गिरफ्त में था।

घटना को पूरे हुए 14 साल

26 नवंबर को रोज की तरह सड़कों, बाजारों, दुकानों में भीड़ थी। सभी लोग खुश थे, चहचहा रहे थे लेकिन शाम होते ही गली-गली, सड़कों, बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे पर मातम छा गया। जब पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने बम धमाका किया। उन्होंने अपना मुख्य निशाना मुंबई के ताज होटल, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और नरीमन हाउस समेत अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाके को बनाया था। जिसमें 160 लोग से ज्यादा की मौत हुई थी जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हमले में भारत ही नहीं विदेशों के लोग भी शामिल थे, जिन्होंने इस घटना में अपनों को खोया। वहीं, इस घटना को आज के दिन पूरे 14 साल बीत चुके हैं लेकिन इतिहास के लिए ये काला दिन है, जिसकी याद आते ही लोगों के आखों के सामने वो भयानक मंजर छा जाता है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।