नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार द्वारा 6th-7th pay commission कर्मचारियों (employees) को अनुदान से वेतन वृद्धि (increment) और वेतन निर्धारण के संबंध में नवीन दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। डीओपीटी (DoPT) द्वारा जारी आदेश के मुताबिक नियम में संशोधन किए गए हैं। समय-समय पर डीओपीटी द्वारा संशोधित आदेश जारी किए जाते हैं। जिसके तहत कर्मचारियों को लाभ उपलब्ध कराया जाता हैं।
इस संबंध में समय-समय पर निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आईएएस अधिकारियों का वेतन निर्धारण के अलावा प्रोफार्मा पदोन्नति के अनुदान पर वेतन निर्धारण और उनके राज्य संवर्ग के बाहर पदस्थापित अधिकारियों को प्रोफार्मा पदोन्नति के लिए पात्रता, हालांकि अन्यथा पात्र, जिनका कनिष्ठ अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति के लिए विचार करने के लिए उपलब्ध नहीं है।
आदेश के अनुसार मौजूदा निर्देशों में स्पष्टता लाने और एक समान कार्यान्वयन को सक्षम करने के लिए, इस विषय पर अब तक जारी निम्नलिखित दिशानिर्देशों की समीक्षा, समेकित और एक ही स्थान पर दोहराने का प्रयास किया गया है।
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आईएएस (वेतन) नियम, 2016 के नियम 7 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय स्टेंग योजना के तहत वेतन सुरक्षा प्रदान की गई है, जो निम्नानुसार है: –
- केन्द्रीय स्टेंग योजना के तहत केन्द्रीय सरकार में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित अधिकारियों का वेतन, संशोधित वेतन संरचना में उनके वेतन के निर्धारण के पश्चात्, या तो इन नियमों के अधीन या उस पद पर वेतन के ऐसे निर्धारण को विनियमित करने वाले अनुदेशों के अनुसार, जिस पर वे प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया जाता है, उस वेतन से कम होता है। जिसके वे हकदार होते, यदि वे अपने मूल संवर्ग में होते और उस वेतन को प्राप्त करते लेकिन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए, वेतन में इस तरह के अंतर को इस रूप में संरक्षित किया जाएगा इस संबंध में सरकारी संकल्प की अधिसूचना की तिथि अर्थात् 25 जुलाई, 2016 से प्रभावी व्यक्तिगत वेतन के पात्र होते हैं।
- इसके अलावा, यदि सेवा के सदस्य को सेंट्रल स्टैंग स्कीम के तहत केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कैडर में पदोन्नत किया जाता है, तो वेतन में अंतर जो अधिकारी को मूल कैडर में होता और केंद्र में उसकी प्रतिनियुक्ति पर वेतन की राशि का अंतर होगा , उसे सरकारी संकल्प के जारी होने की तारीख से व्यक्तिगत वेतन के रूप में संरक्षित किया जाए।”
- IAS(वेतन) नियम, 2016 के नियम 7 को बाद में दिनांक 14021/1/2016-एआईएस-2, दिनांक 12.06.2017 की अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप व्यय विभाग की अधिसूचना संख्या 1-2/2016-आईसी दिनांक 16वीं में संशोधन किया गया था। यह नियम मई, 2017, जो अन्य नियम के साथ-साथ प्रावधान करता है कि 01.01.2016 से प्रभावी होगा।
- आईएएस (वेतन) नियम, 2016 के कार्यान्वयन के बाद केंद्रीय स्टेंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों के वेतन संरक्षण पर इस विभाग के स्थापना विभाग और व्यय विभाग के परामर्श से विचार किया गया है और बाद के पैरा में विस्तृत है। ये निर्देश 01.01.2016 से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू हैं।
स्टाफिंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों का वेतन संरक्षण
उन IAS अधिकारियों का वेतन संरक्षण जो पहले से ही 01.01.2016 को केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर थे या जो 01.01.2016 को या उसके बाद केंद्रीय कर्मचारी योजना के तहत प्रतिनियुक्ति में शामिल हुए थे।
- ऐसे अधिकारियों का वेतन, 01.01.2016 को [या उसके बाद की तारीख जिससे उन्होंने आईएएस (वेतन) नियम, 2016 में स्विच करने का विकल्प चुना है] उनके द्वारा प्रतिनियुक्ति पर धारित पद के स्तर पर निर्धारित किया जाएगा। सेंट्रल स्टैंग स्कीम के तहत उनके मूल संवर्ग में निर्धारित वेतन के आधार पर। मूल संवर्ग में निर्धारित मूल वेतन के अनुरूप सेल उस पद के वेतन मैट्रिक्स के स्तर में स्थित होगा जिसमें अधिकारी सेंट्रल स्टेंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर सेवा कर रहा है और वेतन उसी स्तर/समकक्ष सेल में निर्धारित किया जाएगा। यदि प्रतिनियुक्ति पद के लागू स्तर में ऐसा कोई सेल उपलब्ध नहीं है, तो वेतन प्रतिनियुक्ति पद के उस स्तर के तत्काल निचले सेल में तय किया जाएगा और वेतन में अंतर व्यक्तिगत वेतन के रूप में दिया जाएगा।
स्टैंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों का वेतन निर्धारण
उन आईएएस अधिकारियों के वेतन का संरक्षण/निर्धारण जो 01.01.2016 को सेंट्रल स्टैंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर थे या जो 01.01.2016 को या उसके बाद सेंट्रल स्टैंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति में शामिल हुए और मूल संवर्ग में प्रोफार्मा पदोन्नति प्राप्त की: –
- यदि अधिकारी 01.01.2016 को सीएसएस के तहत प्रतिनियुक्ति पर था या उसके बाद शामिल हुआ था और उसके कनिष्ठ को 01.01.2016 को या उसके बाद अपने मूल संवर्ग में उच्च पद पर पदोन्नत किया गया था, लेकिन ‘अगला नीचे’ के तहत प्रोफार्मा पदोन्नति नहीं दी गई थी नियम’, मौजूदा नियमों के अनुसार पहले से किए गए वेतन निर्धारण में कोई बदलाव नहीं होगा।
- यदि केंद्रीय स्टेंग योजना के तहत किसी पद पर प्रतिनियुक्ति पर एक अधिकारी को अपने संवर्ग में वेतन मैट्रिक्स में स्तर 13 तक के पद पर प्रोफार्मा पदोन्नति मिलती है, तो पद के स्तर में उसका वेतन प्रकल्पित के संदर्भ में निर्धारित किया जाएगा। यदि उसकी सेवा के मूल संवर्ग में पैरा 4(बी) में दिए गए तरीके से पदोन्नत होता तो उसे वेतन मिलता रहेगा।
केंद्रीय कर्मचारी योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का अनुदान नियम
- मूल संवर्ग (स्तर 16 तक) में एक अधिकारी को वार्षिक वेतन वृद्धि प्रदान करने पर, जो केंद्रीय स्टेंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर है। वेतन को वेतन के स्तर में एक सेल में वृद्धिशील रूप से नीचे ले जाकर निर्धारित किया जाएगा, जिसमें अधिकारी केंद्रीय स्टेंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर सेवा कर रहा है। व्यक्तिगत वेतन की पुनर्गणना वेतन (वृद्धि के बाद) में अंतर के रूप में की जाएगी जो उसने मूल संवर्ग में आहरित किया होगा और केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत प्रतिनियुक्ति पर वर्तमान वेतन का लाभ मिलेगा।