भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में कर्मचारी (employees) लगातार सरकार से 7th pay commission वेतन पेंशन (salary-pension) को लेकर बड़ी मांग कर रहे हैं। दरअसल प्रदेश की शिवराज सरकार (shivraj government) ने पिछले साल के सितंबर अक्टूबर में बड़ा ऐलान करते हुए वेतन-पेंशन सहित मंडी मर्ज (mandi merge) करने की बात कही थी। जिसके बाद अब मध्य प्रदेश के 10 हजार से अधिक कर्मचारी शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर काम करेंगे।
मामले में संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड के पदाधिकारियों का कहना है कि 1 साल के बाद भी सरकार अपने दावे को पूरा नहीं कर रही है। जिसके बाद सरकार को उनके वादे याद दिलाने के लिए शुक्रवार से प्रदर्शन की शुरुआत की जाएगी। प्रदर्शन के दौरान पहले दिन मंडी कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। यदि सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांग को पूरा नहीं किया गया तो 10 दिन के बाद प्रदेश में बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू की जाएगी।
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बता दें कि पिछले साल के सितंबर अक्टूबर में शिवराज सरकार ने मंडी कर्मचारियों से बड़े वादे करते हुए मंडीकर्मियों के वेतन पेंशन और मंडी बोर्ड में मर्ज करने की बात कही थी। इस दौरान कर्मचारियों के आंदोलन करने पर सरकार ने आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
पिछले साल सितंबर अक्टूबर के महीने में मध्य प्रदेश के मंडी कर्मचारियों द्वारा वेतन पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर अधिकारियों कर्मचारियों ने हड़ताल किए थे। इस दौरान वल्लभ भवन के पास पुलिस ने आंदोलनकारी पर लाठीचार्ज भी किया था। बाद में सरकार ने कर्मचारियों की मांग पूरा करने का आश्वासन दिया था कि सरकार के 1 साल की मांग की गई है। जबकि सरकार ने 3 महीने के अंदर कर्मचारियों की मांग पूरी करने की बात कही थी।
मामले में एग्रीकल्चर मंडी बोर्ड ऑफिस एम्पलाइज एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अंगिरा प्रसाद पांडे ने बताया कि पिछले साल 3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल (kamal patel) ने कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए उनकी मांग पूरी करने की बात कही थी। 1 साल से अधिक का समय बीत चुका है। मांगे पूरी नहीं हुई है। जिसके बाद अब सरकार को लाने के लिए प्रदेश में प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।