नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रेलवे 6th-7th pay commission कर्मचारियों (Railway Employees) के लिए बड़ी अपडेट है। दरअसल एक बार फिर से उन्हें राहत दी गई है।HRNMS के माध्यम से 2020-21 के ई-एपीएआर (E-APAR) को अंतिम रूप देने की तिथि बढ़ा दिया गया है। वहीँ इस सम्बन्ध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड के पत्र के तहत एचआरएमएस के माध्यम से वर्ष 2020-21 के लिए ई-एपीएआर को अंतिम रूप देने के लिए सभी रेलवे को 30.04.2022 तक बढ़ाया गया था। इस संबंध में, वर्ष 2020-21 के लिए लंबित ई-एपीएआर को अंतिम रूप देने के लिए और विस्तार प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों से अनुरोध प्राप्त हुए।
इसके अलावा, इन एपीएआर को अंतिम रूप नहीं देने से आगामी वर्षों के लिए एपीएआर के प्रसंस्करण और पदोन्नति/एमएसीपी आदि को अंतिम रूप देने जैसी प्रक्रियाओं में समस्याएं पैदा हो रही हैं। जिसके बाद एक बार फिर इसे 30 सितंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके मद्देनजर, बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2020-21 के लिए 30 सितंबर, 2022 तक ई-एपीएआर से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने के लिए एक अंतिम विस्तार दिया जा सकता है।
सभी के ई-एपीएआर वर्ष 2020-21 के लिए भारतीय रेलवे के पात्र कर्मचारियों को 30.09.2022 तक एचआरएमएस के माध्यम से अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। इस तिथि के बाद कोई भी एपीएआर अधूरा रह जाने पर विचार नहीं किया जाएगा। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि वर्ष 2020-21 के लिए कोई भी भौतिक एपीएआर स्वीकार नहीं किया जाएगा और भले ही उस अवधि के लिए किसी भी भौतिक एपीएआर को संसाधित किया गया हो।
हालांकि इसे फिर से शुरू किया जा सकता है और HRMS के माध्यम से डिजिटल रूप से स्वीकार किया जा सकता है। वहीँ आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 से आगे के लिए एचआरएमएस में स्कैन किए गए एपीएआर को अपलोड करने का कोई प्रावधान नहीं है।
आदेश के मुताबिक जहां तक एपीएआर ग्रेडिंग के खिलाफ अपील के लिए उपलब्ध समय का संबंध है, ऐसी अपीलें एपीएआर के संबंध में ई-एपीएआर को अंतिम रूप देने के 15 दिनों के भीतर की जमा की सकती हैं, जिन्हें अभी तक मौजूदा नियमों के अनुसार अंतिम रूप दिया जाना है। पहले से ही अंतिम रूप दिए गए ई-एपीएआर के लिए अपील/प्रतिवेदन दाखिल करने के लिए ऐसा कोई विस्तार लागू नहीं होगा।
सभी संबंधित अधिकारी इस समयावधि के भीतर लंबित ई-एपीएआर को अंतिम रूप देना सुनिश्चित करेंगे और इसके लिए आगे कोई विस्तार प्रदान नहीं किया जाएगा। किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर जिम्मेदारी तय की जाए।