नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कई महीनों से डीए (DA Arrears) का इंतजार कर रहे 7th pay commission कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार (Modi Government) जल्द ही देश के हजारों केंद्र कर्मचारियों के साथ कुछ रोमांचक खबरें साझा करेगी। यदि आपका डीए का पैसा इसी तरह जमा हुआ है, तो आपको जल्द ही आपके खाते में 2 लाख रुपये तक प्राप्त होंगे। बता दें कि पिछले 18 महीने से आपका महंगाई भत्ता बकाया (18 months DA Arrears) हवा में झूल रहा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार साल 2022 में इस पैसे को कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर कर सकती है।
महंगाई भत्ते (DA) में 31% की बढ़ोतरी
सातवें वेतन आयोग के तहत सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों (Employees) का डीए बढ़ाकर 31 फीसदी कर दिया है। कर्मचारियों को भी कई तरह के लाभ मिलते हैं। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव (स्टाफ पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, सरकार जमे हुए डीए के पैसे का एकमुश्त निपटान कर सकती है।
48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 60 लाख पेंशनभोगी
जल्द ही कर्मचारियों के कहते में डीए बकाया का पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। अगर सरकार उन सभी को एक बार में डीए एरियर ट्रांसफर कर दे। व्यय विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल 48 लाख केंद्रीय कर्मचारी और लगभग 60 लाख पेंशनभोगी हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत CTG का दावा करने के लिए, एक सरकारी कर्मचारी को केंद्र सरकार को एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा करना होगा। लेवल 1 के कर्मचारियों का बकाया 37554 रुपये तक है। जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार लेवल 1 के कर्मचारियों की बात करें तो डीए पर बकाया 11880 रुपये से लेकर 37554 रुपये तक है।
लेवल 13 और 14 के कर्मचारियों का बकाया 2,18,200 रुपये तक है। दूसरी ओर, लेवल 13 कर्मियों को मूल वेतन में 1,23,100 रुपये से 2,15,900 रुपये के बीच भुगतान किया जाता है। इसके अलावा अगर हम लेवल-14 (पे-स्केल) की गणना करते हैं तो एक कर्मचारी के डीए एरियर का भुगतान 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये के बीच किया जाएगा।
बहुत जल्द खुशखबरी दें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत जल्द 18 महीने के डीए बकाया पर फैसला लेंगे। अगर पीएम अपनी मंजूरी देते हैं, तो कर्मचारियों के बैंक खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर की जाएगी। मोदी सरकार पहले डीए को बढ़ाकर 31 फीसदी कर चुकी है। इससे केंद्र सरकार के 48 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 65 लाख से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रभावित हैं।