नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार द्वारा फिर से कर्मचारियों के भत्तों को लेकर नवीन निर्देश जारी कर दिए हैं। दरअसल सातवें वेतनमान (7th Pay Commission) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों (Employees) के भत्ते पर समेकित निर्देश देते हुए कार्मिक पीजी और पेंशन मंत्रालय सहित कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने नवीन आदेश जारी किए हैं। इसके तहत भत्तों की दरों (Allowances revised rate) में संशोधन किया गया। कर्मचारियों को संशोधित दर के जरिए भत्ता उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए कर्मचारियों की श्रेणी भी तय की गई है।
7वें केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा जोखिम भत्ते (Risk allowances) के विषय पर की गई सिफारिशों पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के परिणामस्वरूप और व्यय विवरणी के अनुमोदन से, इस विभाग के कार्यालय ज्ञापन द्वारा जोखिम भत्ते की दरों को संशोधित किया गया था। वहीँ अब इस भत्तों में परिकल्पित अन्य सभी शर्तों के साथ उपर्युक्त कार्यालय ज्ञापन के जारी होने की तिथि से संशोधित दरों के साथ जोखिम भत्ता देय होगा। DoPT ने मामले में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जोखिम भत्ते के विषय पर समेकित निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है।
जोखिम भत्ता वर्तमान में खतरनाक कर्तव्यों में लगे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाता है या जिनके काम से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। रोजगार में जोखिम वाले कर्मचारियों की श्रेणियों के निर्धारण के लिए निम्नलिखित मानदंड अपनाए जा सकते हैं: –
- जो अधिक खतरों वाले कर्तव्यों में लगे हुए हैं या जिनका स्वास्थ्य विशेष व्यवसाय के कारण लंबे समय तक उत्तरोत्तर प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने के लिए उत्तरदायी है, और
- भूमिगत नालों, सीवर लाइनों, ट्रेंचिंग ग्राउंड और संक्रामक रोग अस्पतालों में काम करने वालों की सफाई में लगे स्वीपर/सफाई वाले।
सरकारी सेवकों की मौजूदा श्रेणियां जो जोखिम भत्ते प्राप्त कर रही हैं, उन्हें संशोधित दरों पर (03.11.2020 से) निम्नानुसार प्राप्त करना जारी रख सकते हैं: –
- अकुशल श्रमिक 90
- अर्ध कुशल श्रमिक 135
- कुशल श्रमिक 180
- पर्यवेक्षक 225
- नाइट्रो ग्लिसरीन तैयार करने में लगे अराजपत्रित अधिकारी 405
- नाइट्रो ग्लिसरीन में लगे राजपत्रित अधिकारी 675
- डेंजर बिल्डिंग ऑफिसर्स 900
जहां एक विभाग में सरकारी कर्मचारियों की एक श्रेणी जोखिम भत्ता प्राप्त कर रही है, वहीँ अन्य मंत्रालयों/विभागों में सरकारी कर्मचारियों की समान श्रेणियों (भूमिगत नालों, सीवर लाइनों, संक्रामक रोग अस्पतालों आदि में कार्यरत सफाईकर्मी/सेनेटरी क्लीनर) को भी समान शर्तों के तहत जोखिम भत्ता प्रदान करने के लिए विचार किया जाएगा। जोखिम भत्ते को किसी भी उद्देश्य के लिए “वेतन” के रूप में नहीं माना जाएगा।
ऊपर बताए गए मानदंडों को पूरा करने वाली किसी भी नई श्रेणी को शामिल करने के प्रस्ताव पर संबंधित मंत्रालयों द्वारा अपने सहयोगी वित्त और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के परामर्श से कार्रवाई की जा सकती है। आगे ऐसी श्रेणियों की पहचान करने में विभागीय परिषद (जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष से भी परामर्श किया जा सकता है। आदेश में यह भी निर्णय लिया गया है कि मंत्रालय/विभाग उनके अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए अपनी नौकरी में जोखिम वाले कर्मचारियों की समय-समय पर चिकित्सा जांच के लिए उपयुक्त कल्याण योजनाएं तैयार करें।