भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लगभग 52 लाख 7th pay commission केंद्रीय कर्मचारी (central employees) के वेतन में 1 जुलाई से वेतन में वृद्धि की गई है। वहीँ कर्मचारी बेसब्री से DA 31% होने का इंतजार कर रहे हैं और वे इस खबर से उत्साहित हैं। हालांकि 7वां वेतन आयोग (7th pay commission) फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) है जो उनके मासिक वेतन को प्रभावित करने वाली है। केंद्र द्वारा महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की घोषणा के तुरंत बाद यह 7वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर अचानक केंद्र सरकार के कर्मचारियों (CGS) के लिए चर्चा का विषय बन गया है। 7वें सीपीसी फिटमेंट फैक्टर के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारी का 7वां CPC वेतन तय होता है।
11% डीए बहाल होने के बाद केंद्र सरकार के एक कर्मचारी का डीए मौजूदा 17 प्रतिशत से बढ़कर 28% हो गया है। सातवें वेतन आयोग को लागू करते समय 7वां CPC फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया है, और कर्मचारी का मासिक मूल वेतन और मासिक योगदान जैसे भविष्य निधि (PF), ग्रेच्युटी (gratuity) जुलाई से बढ़ने की उम्मीद है। 7वां वेतन आयोग (7th pay commission) फिटमेंट फैक्टर मूल वेतन को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके मासिक मूल वेतन तय करने में मदद करेगा।
फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित होने की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों की minimum salary सीधे 6000 रुपए से 18000 रुपए बढ़ गई है। हालांकि इसे 3 किया जाए तो मिनिमम सैलरी 26000 रुपए तक बढ़ सकती है। जैसे यदि आपकी बेसिक सैलरी 20,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 20,000 X 2.57= 51400 रुपए. अगर इसी को 3 मान लिया जाए तो सैलरी होगी 20000 X 3= 60000 रुपए
मासिक पीएफ किसी के मूल वेतन और DA के आधार पर तय किया जाता है। उन्होंने कहा इसका मतलब है कि डीए में वृद्धि के मामले में किसी के पीएफ योगदान के बढ़ने की उम्मीद है, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारी का सेवानिवृत्ति कोष अधिक हो जाएगा। 7वां CPC फिटमेंट फैक्टर एक कर्मचारी के मूल वेतन को तय करने में मदद करता है।
ज्ञात हो कि 2016 में 7वें CPC के कार्यान्वयन के साथ यह सुनिश्चित किया गया था कि केंद्र सरकार के कर्मचारी का न्यूनतम वेतन मूल वेतन के 50% से कम नहीं होगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि की दर 3% रखी जा रही है। जब केंद्रीय सरकारी कर्मचारी (CGS) के मासिक वेतन की गणना की बात आती है, तो 7वां सीपीसी फिटमेंट फैक्टर लागू होता है।
जिसके परिणामस्वरूप वेतन की गणना की जाती है। 7वें CPC (केंद्रीय वेतन आयोग) की शुरुआत के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच फिटमेंट फैक्टर सबसे अधिकचिंताओं में से एक था। सातवें वेतन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, एक केंद्र सरकार के कर्मचारी का वेतन बिना भत्ते के, उसके मूल वेतन और फिटमेंट फैक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है।