नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों (7th pay commission Employees) को बड़ी सौगात दी है। दरअसल उनके भत्ते में वृद्धि (allowance hike) की गई है। वहीँ ये वृद्धि 2019 से लागू होगी। साथ ही उन्हें 37 महीने के एरियर्स (arrears) का भी भुगतान किया जाएगा। सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए जोखिम और कठिनाई (R&H) भत्ते (risk allowance) को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के बराबर लाने के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही फरवरी 2019 से जारी एक विसंगति को दूर करते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मचारियों को बड़ा तोहफा है।
इसकी घोषणा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना कमांडरों के सम्मेलन में यह घोषणा की।वहीँ पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद, सीएपीएफ के लिए आर एंड एच भत्ते को संशोधित किया गया था। जिसमें बढ़ोतरी की गई थी। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई। जिसमें सीएपीएफ उसी स्थान पर सशस्त्र बलों के कर्मियों की तुलना में आर एंड एच भत्ते की उच्च दर प्राप्त कर रहे थे।
मामले में अधिकारी का कहना है कि भत्ता फरवरी 2019 से पूर्वव्यापी रूप से स्वीकार्य होगा और इसमें सरकार के लिए अनुमानित नकद व्यय 10,000 करोड़ रुपये है। वहीँ व्यक्तिगत सशस्त्र बलों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ते को संशोधित किया गया है, जिसके बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के कर्मियों के साथ असमानता को दूर किया गया है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना कमांडरों के सम्मेलन में भत्ते को संशोधित करने की घोषणा की ताकि इसे सीएपीएफ को भुगतान के बराबर लाया जा सके। भत्ता एनसीसी इकाइयों, प्रशिक्षण केंद्रों, बीआरओ, एमईएस और अन्य स्थिर इकाइयों को भी एक स्तर से कम पर लड़ाकू सैनिकों के लिए स्वीकार्य बनाया गया है।
सीएपीएफ में नक्सल विरोधी कार्य बल (ANTF) की ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को भत्ता दिया गया है। संशोधित दरें 22 फरवरी 2019 से भूतलक्षी प्रभाव से लागू हैं। फरवरी 2019 में सीआरपीएफ की बस पर पुलवामा आतंकी हमले के बाद, सीएपीएफ के लिए जोखिम भत्ता बढ़ा दिया गया था।
इस मुद्दे की जांच के लिए मार्च 2019 में रक्षा मंत्रालय में एक समिति का गठन किया गया था। गठन के बाद यह मामला सैन्य मामलों के विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। एक समिति ने जनवरी 2021 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और अगस्त 2021 में रक्षा मंत्री द्वारा अनुमोदित की गई। भत्ते की समानता के प्रस्ताव को अप्रैल 2022 में मंजूरी दी गई थी। देरी मुख्य रूप से बड़े वित्तीय व्यय को देखते हुए कोरोना के कारण हुई थी।