भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में 7th pay commission DA-DR-Promotion की मांग को लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे अधिकारी कर्मचारियों पर सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने नाराजगी व्यक्त की है। इसके अलावा बीते दिनों Cabinet meeting के दौरान इन अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद रतलाम में 44 कर्मचारियों पर रखी गई है जबकि राजगढ़ में भी 5 पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों पर कार्रवाई की गई है।
बावजूद इसके मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त मोर्चा (Madhya Pradesh Panchayat and Rural Development Department United Front) ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। दरअसल कर्मचारियों का कहना है कि FIR के खिलाफ वह हाईकोर्ट (MP Highcouurt) में अपील करेंगे।
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दरअसल मंगलवार को भी कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने प्रदेश में हो रहे और अर्धनग्न प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री की तरफ से कहा गया था के अधिकारी कर्मचारी शासकीय सेवक होते हैं, जहां उन्हें अपनी गरिमा का पालन करना अनिवार्य है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के कई जिलों में अधिकारी कर्मचारियों पर धारा 144 के उल्लंघन और अश्लील प्रदर्शन का प्रकरण दर्ज किया गया है।
मामले में संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक दिनेश शर्मा (dinesh sharma) का कहना है कि रतलाम के अलावा सिंगरौली में FIR दर्ज की गई है जबकि वह कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट में अपील करेंगे। हाईकोर्ट में पहले से ही अधिकारी कर्मचारियों ने केविएट लगा रखी है।
प्रदेश संयोजक दिनेश शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कई बार अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किए जा चुके हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पंचायत कर्मी अपनी जायज मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं और उन पर FIR दर्ज की जा रही है जो कि गलत है ,मध्य प्रदेश में कर्मचारी संगठन उग्र प्रदर्शन की रणनीति तैयार कर रहा है। दरअसल मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार को 5 सितंबर तक की मोहलत दी गई है। सरकार अगर 5 सितंबर तक कर्मचारियों की प्रमुख तीन मांगों पर निर्णय नहीं लेती है तो प्रदेश में अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा।