भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में उपचुनाव (By-election) से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल कांग्रेस के दिग्गज और वरिष्ठ नेता अजय सिंह की गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) से उनके निवास स्थान पर मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) और अजय सिंह (ajay singh) की मुलाकात के बाद प्रदेश की सियासत में कयास लगने शुरू हो गए हैं।
आ रही खबरों के मुताबिक कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह बीते दिनों प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे थे। इस दौरान शाम को चार इमली आवास पर दोनों नेताओं की बैठक हुई। 40 मिनट बंद कमरे में हुई बैठक पर दोनों ही नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है। दरअसल इस मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि अजय सिंह द्वारा उनसे सौजन्य भेंट किया गया है।
बता दें कि इनसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह (govind singh) के भी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से उनके निवास से मुलाकात हो चुकी है। काफी देर तक दोनों नेताओं के बीच बैठक हुई थी। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया (lakhan ghanghoriya) भी उनके निवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे।
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मध्यप्रदेश में कई ऐसे मौके आए हैं जब अजय सिंह (ajay singh) द्वारा अपनी पार्टी को खटघरे में खड़ा किया गया है। वहीं अजय सिंह ने सार्वजनिक रूप से अपनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ (kamalnath) की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। वहीं उन्होंने कमलनाथ की कार्यप्रणाली को लेकर कमलनाथ पर सवाल भी उठाए थे।
इसके अलावा कमलनाथ के भारत को बदनाम देश बयान पर भी अजय सिंह ने उन्हें घेरने का काम किया था। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ अधिकारी नेता अजय सिंह ने कमलनाथ को जुबान पर नियंत्रण रखने की नसीहत दे डाली थी। इसके अलावा एक और बयान बाजी के दौरान अजय सिंह ने कमलनाथ को घेरते हुए कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने में विंध्य प्रदेश नहीं बल्कि सरकार और कमलनाथ की खुद की जिम्मेदारी है।
जिसके बाद एक बार फिर से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) के साथ दिग्गज अजय सिंह की मुलाकात ने राजनीतिक पंडितों के कान खड़े कर दिए हैं। वहीं विपक्ष भी अजय सिंह की नरोत्तम मिश्रा के साथ मुलाकात के बाद सतर्क हो गया होगा। ऐसी स्थिति में अब आज के आने वाला समय ही बताएगा कि इन सियासी मुलाकातों के मायने क्या थे। फिलहाल प्रदेश की राजनीति गलियों में इन मुलाकातों को लेकर चर्चा आम है।