भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल (Bhopal) में सुशासन (good governance) के मद्देनजर पुलिस कमिश्नर प्रणाली (police commissioner system) लागू की गई है। पुलिस कमिश्नर प्रणाली के लागू होने के साथ ही अब इसमें बड़ा बदलाव किया जा रहा है। राजधानी भोपाल में अब छोटे-मोटे मामले में पूछताछ के लिए गवाहों को थाने (thane) आने की जरूरत नहीं होगी। पुलिस कमिश्नर प्रणाली के तहत अब गवाहों से वीडियो कॉलिंग (video calling) के जरिए पूछताछ की जाएगी। वह इस मामले में पुलिस कमिश्नर मकरंद देवस्कर का कहना है कि सभी थानों में इस बात को लेकर लिखित आदेश जारी किए जा चुके हैं।
पुलिस कमिश्नर आदेश के तहत पड़ोसियों से विवाद पति-पत्नी के बीच विवाद मामले में लोगों को थाने बुलाकर वीडियो कॉलिंग के जरिए उनसे पूछताछ की जाएगी इसके साथ ही अन्य छोटे-मोटे मामले में पूछताछ के लिए वीडियो कॉल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा बुजुर्गों और असमर्थ लोग को भी थाने बुलाने के बजाय उनसे वीडियो कॉलिंग के जरिए पूछताछ की जाएगी।
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जानकारी के मुताबिक सभी पक्षों को पूछताछ से मामले के सवाल भेज दिए जाएंगे। वही तय समय पर उन्हें उन सवालों का जवाब देना होगा। इस तरह से थाने में आ रहे मामले में पीड़ितों के सहित अन्य लोगों के नाम और मोबाइल नंबर दर्ज किए जाएंगे। जिसके बाद उन्हें पुलिस कमिश्नर दफ्तर से फोन करके इस मामले में फीडबैक लिया जाएगा।
वहीं फीडबैक के माध्यम से ही थानों की ग्रेडिंग अपग्रेड की जाएगी। इसके अलावा पुलिस कमिश्नर ने सभी थाने से अपराध विरोधी गतिविधि पर रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि कोई भी आवेदक यदि थाने में आता है तो उस थाने में पुलिस द्वारा उसके किस प्रकार मदद की गई। वही उस थाने से उसे पर्याप्त लाभ मिला या नहीं। इसका फीडबैक आवेदक से लिया जाएगा। साथ ही यह आदर्श थाने को स्थापित करने के लिए बेहतर प्रणाली साबित होगी।