भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेशभर में लापरवाह अधिकारी कर्मचारी (negligent officer employee) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी बीच एक बड़ी कार्रवाई जबलपुर में की गई है। जहां जेल के भीतर गांजा तस्करी की आशंका पर एक प्रहरी को निलंबित (Suspend) कर दिया गया है। घटना केंद्रीय कारागार की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक जेल प्रहरी संजू सेंगर की बुधवार को रात्रिकालीन ड्यूटी लगाई गई थी। 10:00 बजे ड्यूटी पर उपस्थित होने में विलंब के कारण प्रहरी मुख्य द्वार से जेल के भीतर गया। गेट ड्यूटी पर मौजूद जवानों ने उसकी तलाशी ली। जवानों को मुखबिर से पता चला था कि प्रहरी के पास गांजा की पुड़िया थी। जिसे वह छिपाकर जेल के अंदर ले जाता था।
जांच के बीच संजू से जब जूते उतारने के लिए कहा गया तो उसने जूते उतारने से मना कर दिया। जिसके बाद जवानों ने उसका पीछा किया। जवानों को धोखा देकर संजू सेंगर भाग निकला। घटना की सूचना सतना जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर तक पहुंची। वहीं जेल के सीसीटीवी फुटेज में मामले की जांच के बाद संजू सेंगर को निलंबित कर दिया गया है।
वही दतिया में आयुष्मान कार्ड बनाने के काम में कोताही बरतने पर प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। इतना ही नहीं दिया में जो पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड बनाने की गति काफी धीमी है। जिसको देखते हुए विशेष अभियान चलाया जाएगा। आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कलेक्टर ने स्थानीय वार्ड प्रभारियों की बैठक ली। जिसमें 1 महीने तक विशेष अभियान चलाकर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। इधर ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पंचायत सचिव स्तर पर भी गंभीरता नहीं बरती जा रही है। जिसको देखते हुए दो पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इधर इंदौर में टीआई हाकम सिंह आत्महत्या मामले में गुरुवार को तीसरी पत्नी रेशमा और महिला एएसआई रंजना खांडे को कोर्ट में पेश किया ग।या जहां से उन्हें 1 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। मामले में महिला एएसआई रंजना खांडे को निलंबित कर दिया गया है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर राजेश हिंगणकर ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
वही जबलपुर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मामले में उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश शासन को नोटिस जारी कर दिया है। पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों की जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने के मामले में याचिका दायर की गई थी। 18 जुलाई को इसकी अगली सुनवाई निश्चित की गई है।
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा के युगल पीठ ने याचिका की सुनवाई की। शिवानंद द्विवेदी की ओर से वकील नित्यानंद मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि नियम अनुसार सभी प्रत्याशी के घोषणापत्र के अंतर्गत संपत्ति विवरण और आपराधिक रिकॉर्ड के सार पत्र को अपलोड किया जाना चाहिए।
वही निर्वाचन आयोग ने चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की घोषणा पत्र के साथ संपत्ति की प्रति आयोग की वेबसाइट के अलावा सभी जिलों के वेब पेज पर आम जनता के अवलोकन के लिए अपलोड की जाती है। इसके लिए अधिसूचना 2016 में जारी की गई थी। जबकि निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में 2021 में निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके लापरवाही जारी है। जिस पर अब हाईकोर्ट ने राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।