हैदराबाद, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार (State Government) ने एक बार फिर से अपने कर्मचारियों (Employees) को बड़ी राहत दी है। दरअसल सरकार ने सरकारी विश्वविद्यालय (Government university) में कार्यरत सहायक प्रोफेसर (Assistant professor) और अन्य सहायक प्रोफेसर के लिए एक समान वेतन (equal pay) का निर्णय लिया है। वही उनके लिए Pay Fixation लागू करने की घोषणा कर दी गई है। जिसके बाद अब अनुबंध पर काम कर रहे सहायक प्रोफेसरों के वेतन में भी बंपर वृद्धि (Salary hike) देखी जाएगी।
इतना ही नहीं इन सहायक प्रोफेसर को वेतन में 1000 की वार्षिक वृद्धि देने के साथ ही साथ उन्हें समेकित वेतन और वार्षिक वेतन को भी वित्त विभाग द्वारा मंजूरी दी गई है। बता दें कि इससे पहले उन्हें नौकरी की सुरक्षा का आश्वासन दिया गया था। जिसके बाद अब वित्तीय लाभ से लगभग 2000 संकाय सदस्यों को लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
वहीं अब असिस्टेंट प्रोफेसर के न्यूनतम समयमान के तौर पर आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में पीएचडी धारक के लिए 40000 रूपए और गैर पीएचडी धारक के लिए 35000 रूपए का समेकित वेतन तय किए हैं। जिसका लाभ 14 विश्वविद्यालय में अनुबंध के आधार पर काम कर रहे सहायक प्रोफेसर को होगा।
बता दें कि प्रोफेसर द्वारा 15 साल लंबे समय से पे फिक्सेशन की मांग की जा रही थी।ये संकाय सदस्य दिवंगत सीएम वाईएस राजशेखर रेड्डी के समय से न्यूनतम समयमान (MTS) और नौकरी की सुरक्षा के निर्धारण की मांग कर रहे हैं। वहीं इनमें सबसे ज्यादा नुकसान रायलसीमा क्षेत्र में काम करने वाले सहायक प्रोफेसरों को था। जिन्हें प्रतिमाह सिर्फ 18000 रूपए उपलब्ध कराए जाते थे।
हालांकि पे फिक्सेशन लागू करने के बाद अब हर 2 साल में स्क्रीनिंग टेस्ट कराने का विभाग के प्रस्ताव चिंता का विषय है। दरअसल किस आधार पर स्क्रीनिंग टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसके बारे में अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है।
इस मामले में ऑल यूनिवर्सिटी कांटेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि वार्षिक वृद्धि के साथ समेकित वेतन तय करके हमारे मुद्दे को हल करने के लिए सीएम ने बहुत बड़ा काम किया है इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द ही इस आशय का आदेश जारी करेगी।