जयपुर, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार के कर्मचारियों (Doctors Employees)के लिए बड़ी खबर है। दरअसल एक बार फिर उन्हें सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि (Retirement age hikae) का तोहफा मिल सकता है। इस मामले में 11 अक्टूबर तक राज्य सरकार को जवाब पेश करना है। राज्य सरकार के जवाब के बाद हाई कोर्ट द्वारा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु दो वर्ष तक बढ़ाए जा सकते हैं।
होम्योपैथिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर किए जाने की मांग की जा रही है। इस मामले में हाईकोर्ट ने होम्योपैथिक चिकित्सकों के रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष नहीं करने पर जवाब तलब किया है। इसके लिए राज्य वित्त प्रमुख सचिव सहित प्रमुख कार्मिक सचिव, प्रमुख आयुर्वेद सचिव और होम्योपैथिक निदेशक को 11 अक्टूबर तक जवाब पेश करना है। इस मामले में जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिए हैं।
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याचिका में वकील नितेश कुमार गर्ग ने सुनवाई के दौरान बताया कि पूर्व में एलोपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल थी। जिसे 2016 को एक अधिसूचना जारी कर 2 साल की वृद्धि के साथ 62 साल कर दिया गया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति उम्र भी 62 साल किए जाने के आदेश दिए हैं। जबकि राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा भी 13 जुलाई को राज्य सरकार को आदेश दिया गया है। जिसमें कहा गया था कि प्रदेश के आयुर्वेद डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को भी 2 वर्ष की वृद्धि के साथ 62 वर्ष किया जाए।
वहीं प्रदेश में अभी भी होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष ही रखी गई है। जिस पर याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार चिकित्सा पद्धति के आधार पर चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु में भेदभाव कर रही है। वही हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए होम्योपैथिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाए जाने की मांग की गई है। 11 अक्टूबर को सरकार द्वारा जवाब पेश करने के बाद इस मामले में चिकित्सकों को बड़ी राहत मिल सकती है। वहीं उनके सेवाकाल आयु सीमा में 2 वर्ष की वृद्धि देखने को मिल सकते हैं।
इस मामले में होम्योपैथिक डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें भी राज्य शासन ने द्वारा एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह 2 वर्ष सेवा वृद्धि का लाभ दिया जाए और उनके रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 62 वर्ष किए जाए। इससे प्रदेश के लाखों डॉक्टरों को एक तरफ जहां लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में रिक्त पदों पर भी कार्य सुचारू रूप से होंगे।