चिकित्सकों के लिए बड़ी खबर, बढ़ाई गई तारीख, 15 जून तक कार्य पूरा नहीं करने पर 22000 डॉक्टर्स पर गिरेगी गाज

Kashish Trivedi
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MBBS Without Biology

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में जल्दी 22,000 से अधिक डॉक्टरों (MP Doctors) पर गाज गिर सकती है। दरअसल प्रदेश के 22000 डॉक्टरों ने मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल (Madhya Pradesh Medical Council) में अपने पंजीयन (registration) को द्वारा सत्यापित (re-valuation) नहीं कराया है। जिसके कई वजह हैं। हालांकि डॉक्टर द्वारा MBBS के आधार पर पंजीकृत होना तय किया गया जबकि कई डॉक्टर एमडी एमएस और सुपर स्पेशलिटी कोर्स करने के बावजूद प्रेक्टिस कर रहे हैं।  इसके लिए मेडिकल काउंसिल में अपनी नई डिग्री को सत्यापित कराने से बच रहे हैं। इसमें कई शासकीय चिकित्सा भी शामिल है। इसके लिए अब तारीख बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया है।

15 जून तक भी अधिक डॉक्टर्स द्वारा पुनः सत्यापन का कार्य पूरा नहीं किया गया तो चिकित्सकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर बड़ी कार्रवाई की जाएगी। मध्यप्रदेश में 55000 पंजीकृत चिकित्सक में से अब तक सिर्फ 22509 ही सत्यापन का काम पूरा किया। कई चिकित्सक के नाम भी गलत दर्ज किए गए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि तकनीकी दिक्कत के कारण आठ से 10 बार प्रयास करने के बावजूद भी कई चिकित्सकों का सत्यापन नहीं हो पाया है।

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वहीं मेडिकल काउंसिल द्वारा चौथी बार पुनः सत्यापन की तारीख बढ़ाकर 15 जून कर दी गई है। हालांकि मेडिकल काउंसिल का कहना है कि इसके बाद तारीख को नहीं बढ़ाया जाएगा। इससे पहले 15 मई को अवधि पूरी हो गई सत्यापन नहीं कराने के कारण को फिर से बढ़ाया गया है। बता दें कि इस मामले में यूनाइटेड फोरम के अध्यक्ष अनूप हजेला का कहना है कि मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल द्वारा 55000 चिकित्सकों का पंजीयन है। इसमें से करीब 4000 डॉक्टरों की मृत्यु हो चुकी है। बावजूद उनके पंजीयन काउंसिल में जीवित हैं।

पंजीयन के सत्यापन की तारीख बढ़ाकर 15 जून की गई है। तकनीकी समस्या को देखते हुए तारीख को बढ़ाया गया है। एमपी ऑनलाइन से बात की गई है। हालांकि सत्यापन नहीं हो पा रहा है। सत्यापन का कार्य जल्द पूरा किया जाएगा।हालांकि यदि 15 जून तक Doctors द्वारा सत्यापन का कार्य पूरा नहीं किया जाता है तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। वहीं पंजीयन निलंबित करने के संबंध में विज्ञापन जारी करने की तैयारी की जा रही है। बता दे प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू हुई है। इसके लिए 1 महीने का समय दिया गया था। इस काम को पूरा नहीं किया जा सका है।


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