भोपाल, डेस्क रिपोर्ट ।Employees News. मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए काम की खबर है। प्रदेश के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के परिविक्षाधीन शासकीय कर्मचारियों को पहले की तरह पूरा वेतन देने की सिफारिश की गई है। इसके लिए राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) रमेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र है।
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दरअसल,मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन (राज्यमंत्री दर्जा) रमेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर शासकीय सेवा में सीधी भर्ती के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर चयन होने पर 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर नियुक्त कर्मचारियों को उस पद के वेतनमान के न्यूनतम का प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष में 90 प्रतिशत राशि स्टाईफंड के स्थान पर पूर्व की भांति परिवीक्षाधीन अवधि में मूल वेतन एवं भत्तों सहित प्रदान करने की मांग की है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पूर्व में नियुक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सामान्यतः 02 वर्ष कालावधि के लिये परिवीक्षा अवधि पर नियुक्त कर महंगाई भत्ते को छोड़कर समस्त सुविधायें प्रदान की जाती रही हैं।अनुरोध है कि शासकीय सेवा में सीधी भर्ती के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर चयन होने पर 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर पूर्ववत नियुक्ति आदेश जारी करने के निर्देश जल्द जारी करें।
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इस पत्र में उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत श्रीवास्तव का पत्र भी संलग्न किया है और कहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 01 फरवरी, 2021 द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति में संदर्भित पत्र के अनुसार 03 वर्ष तक परिवीक्षा अवधि में वेतन दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं।