MP: शासकीय-निजी कॉलेज छात्रों के लिए बड़ी खबर, राज्य सरकार भरेगी फीस, ये रहेंगे योजना के नियम-शर्ते

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कॉलेज छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। बीकॉम, बीए और बीएससी से लेकर बीई, मेडिकल कोर्सेस, लॉ कोर्सेस, पॉलिटेक्निकल डिप्लाेमा तक में प्रवेश लेने पर फीस राज्य सरकार भरेगी।इसका लाभ उन छात्रों को मिलेगा जिनके माता पिता दोनों की मृत्यु कोरोना की दूसरी लहर ( 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक) के दौरान हुई है। यह नियम इसी सत्र से लागू होगा।

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इस स्कीम का फायदा लेने के लिए सभी संकाय के छात्र ‘covidbalkalyan.mp.gov.in’ पर जाकर आवेदन कर सकते है। खास बात ये है कि इन छात्रों को न कॉशन मनी देना होगी और न काेई अन्य शुल्क। इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। यह योजना सभी शासकीय, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में लागू होगी।

ये छात्रा एमबीबीएस-बीडीएस जैसे मेडिकल काेर्स में भी मुफ्त एडमिशन ले सकते है, लेकिन इसके लिए उन्हें 10 लाख रुपए का बांड भरकर यह गारंटी देना हाेगी कि पढ़ाई पूरी होने के बाद वे 2 साल तक गांवाें में अपनी सेवाएं देंगे, यह सरकारी कॉ़लेजों के छात्रों के लिए है।वही निजी कॉलेज में प्रवेश लेने पर छात्रों काे 25 लाख रुपए का बांड भरकर गांवाें में पांच साल नि:शुल्क सेवा देना हाेगी।

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इस योजना के तहत उन छात्रों को लाभ मिलेगा जिनके माता-पिता दाेनाें की मृत्यु निर्धारित अवधि में काेविड की वजह से हुई हाे और अब वे छात्र अनाथ हैं या फिर जिनके पहले से ही पेरेंट्स नहीं थे और काेविड की इस अवधि में उनके अन्य पालक की मृत्यु हुई हाे या किसी एक का निधन पहले हाे चुका हाे, लेकिन दूसरे का निधन काेविड से हुआ हाे।

इसके तहत बीकॉम, बीए और बीएससी, बीबीए-बीसीए जैसे काेर्स में प्रवेश के लिए 15 हजार रुपए सालाना फीस और निजी कॉलेजों में जेईई मेन या एडवांस के जरिये प्रवेश पर छात्र काे डेढ़ लाख रुपए सालाना स्कॉलरशिप मिलेगी और कॉलेज लेवल पर एडमिशन पर 75 हजार मिलेंगे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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