जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के शासन द्वारा सफाई व्यवस्था (cleaning system) में सुधार लाने के लिए नित्य नए नवाचार किए जा रहे हैं। पूरे देश भर में इंदौर द्वारा लगातार सुरक्षित जिला का खिताब अपने नाम करने के बाद प्रदेश की जिम्मेदारी व्यापक स्तर पर बढ़ गई है। ऐसे में अब प्रदेश के नियमित सफाई कर्मियों सहित अन्य कर्मचारियों (MP Employees) को लेकर सरकार द्वारा नए नियम तय किए जा रहे हैं।
दरअसल मानव संसाधन-मशीनरी के पर्याप्त व्यवस्था होने के बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं आ पानी की वजह से अब जबलपुर नगर निगम द्वारा फैसला लिया गया। संविदा, नियमित सफाई कर्मियों सहित समृद्ध और ठेके पर रखे गए सफाई कर्मचारियों के लिए अलग-अलग भौतिक सत्यापन (physical verification) किया जाएगा।
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सभी कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन अनिवार्य होगा। ताकि सफाई कर्मियों की संख्या के आधार पर शहर की सफाई व्यवस्था में नहीं हो रही सुधार का कारण का पता लगाया जाए। इसके अलावा किस कर्मचारियों को किस Ward का जिम्मा दिया जा रहा है। इसकी भी जानकारी निकल कर सामने आएगी।
दरअसल स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के मध्य नजर प्रदेशभर की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। इस मामले में निगम आयुक्त द्वारा बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा प्रतिदिन नियमित, संविदा और अन्य कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन का रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाए।
इसके अलावा नागरिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सफाई संबंधित शिकायत समस्याओं का निराकरण व्हाट्सएप नंबर जारी किए जाएं। साथ ही डोर टू डोर कचरा करेक्शन के वाहनों की निगरानी कंट्रोल कमांड सेंटर से कराई जाए। कचरा वाहन को मरम्मत कराए ताकि 100% घरों में कचरा एकत्रित ना हो।