भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार
का बड़ा बयान सामने आया है।परमार ने कहा कि प्रदेश में इसी सत्र से 53 ईएफए विद्यालयों में एआई एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। कक्षा 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी इसे एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ सकेंगे और अपने आप को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर सकेंगे। मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ विद्यार्थियों को एआई एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
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राज्य मंत्री परमार ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी नवीनतम तकनीक के साथ भारत को विश्व के समक्ष खड़े करने की आवश्यकता है। इसके लिए विद्यार्थियों को एआई तकनीक का रचनात्मक प्रयोग और मानव कल्याण की दिशा में उपयोग करना सिखाया जाएगा। यह पाठ्यक्रम अति उपयोगी साबित होगा। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 240 घंटो के एआई पाठ्यक्रम की कक्षा, 8वीं से 12वीं तक की पुस्तकें और टीचर्स हैंडबुक उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही एक वर्ष तक माइक्रोसॉफ्ट के टीचर ही विद्यालयों में एआई विषय पढ़ाएंगे। इस अवधि के विद्यालयों के गणित और भौतिक विज्ञान के शिक्षकों को एआई विषय पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
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आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा ने कहा कि एआई आज के जमाने की माँग हैं। यह सॉफ्टवेयर का ऐसा टूल है जो आने वाले समय में एनोदर ब्रेन के रूप में जाना जाएगा। इसके महत्व को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड में परीक्षार्थी एआई को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में ले सकेंगे।निदेशक राज्य ओपन बोर्ड प्रभात राज तिवारी ने बताया कि एक दिवसीय कार्यशाला में विद्यार्थियों को एआई पाठ्यक्रम पढ़ाने और उनके मूल्यांकन की रणनीति पर चर्चा की गई। एआई पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को ऐप उपयोग, मशीन लर्निंग, डाटा प्रोसेसिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और सेंटीमेंट एनालिसिस जैसी तकनीक के बारे में पढ़ाया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी नवीनतम तकनीक के साथ भारत को विश्व के समक्ष खड़े करने की आवश्यकता-राज्य मंत्री श्री @Indersinghsjp
➡️इस सत्र से 53 ई.एफ.ए विद्यालयों में एआई एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
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— School Education Department, MP (@schooledump) May 30, 2022