भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में महिला अपराधों (women crimes) की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जिसके बाद अब शासन प्रशासन ने नई नीति तैयार की है। दरअसल महिला अपराधों के मामले में देश में मध्यप्रदेश सिर्फ पांच राज्यों में शामिल है। जिस पर अंकुश लगाने के लिए को तेज किया गया है। अब इस मामले में प्रदेश के 4 बड़े शहरों में गंभीर अपराध से लेकर सजा के लेखा-जोखा तक की जानकारी ASP और DSP के अलावा आईजी को भेजनी होगी। इतना ही नहीं अपराध के 2 महीने के बाद भी अगर विवेचना पूरी नहीं हुई तो इसकी रिपोर्ट अफसरों को आज तक पहुंचानी होगी।
पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में निर्देश दिए हैं। इसके अलावा भोपाल इंदौर की महिला अपराध के एडिशनल डीएसपी सहित जबलपुर और ग्वालियर के एसपी महिला अपराधों को इन की कार्यशैली स्वीकृत करने की बात भी कही गई है। वहीं पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम और सेक्सुअल ऑफेंस रैंकिंग की मॉनिटरिंग लगातार की जाएगी और महिला अपराध में रैंकिंग से IG को लगातार अवगत करवाना होगा।
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प्रदेश के 4 बड़े शहर भोपाल इंदौर जबलपुर और ग्वालियर के एसपी महिला अपराध को महिलाओं से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाने के कर्तव्य बताए गए हैं। इसके अलावा इन 4 जिलों में महिला अपराध को रोकने के लिए अफसरों को पदस्थ किया गया है। PHQ के जारी आदेश के मुताबिक महिला एवं बालिकाओं संबंधित अपराधों की लगातार मॉनिटरिंग करनी होगी। वही इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम रैंकिंग की रिपोर्ट से आईजी को अवगत कराना अनिवार्य होगा। वहीं DSP महिला अपराध इन जिलों के महिला थानों के नोडल ऑफिसर होंगे।
इसके अलावा एसिड अटैक के मामले अनैतिक देह व्यापार से संबंधित मामलों का पर्यवेक्षण करना अनिवार्य होगा। जिसकी रिपोर्ट और संवेदनशील स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा की कार्य योजना की तैयारी की जानकारी डीएसपी द्वारा एसपी को दी जाएगी। वही महिला अपराध संबंधित मामले की विवेचना 2 महीने में पूरा करना अनिवार्य होगा। यदि किसी कारणवश विवेचना 2 महीने की अवधि में पूरी नहीं हो पाई है तो उसकी जानकारी जोनल आईजी के सामने पेश करनी होगी।