Employees Pending Salary : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता कर्मियों के वेतन संबंधी लंबित अभ्यावेदन का 30 दिन के अंदर समाधान करें। हाईकोर्ट ने विभाग को एक महीने के भीतर वेतन भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने दिए है।
स्वास्थ्य विभाग ने नहीं सुनी, हाई कोर्ट पहुंचा मामला
- याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रत्न भारत तिवारी ने बताया कि छतरपुर निवासी चंद्र किशोर गौतम, अनिल कुमार प्यासी, वर्षा कुड़ेरिया व अन्य की 22 जुलाई 2019 को उनकी नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (कलेक्टर रेट) के पद पर स्वास्थ्य विभाग छतरपुर में हुई थी।कोरोनावायरस संकट काल के दौरान भी कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई और ड्यूटी भी लगाई जाती रही। परंतु उन्हें वेतन और भत्ते नहीं दिए गए।
- अधिवक्ता ने बताया कि नियुक्ति तिथि से याचिकाकर्ता अनवरत स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। विभाग द्वारा याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति पश्चात कोई वेतन प्रदान नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समय समय पर अभ्यावेदन दिए, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन जब 4 साल में भी कोई समाधान नहीं निकला तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
हाई कोर्ट ने दिए ये निर्देश
इसके बाद न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता कर्मियों के वेतन संबंधी लंबित अभ्यावेदन का 30 दिन के भीतर निराकरण करें। आवेदन पर विचार कर कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें।